नए साइबर क्राइम पैटर्न को समझना जरूरी
इससे बचने के लिए नए साइबर क्राइम पैटर्न को समझना जरूरी है। यदि आप किसी वेबसाइट पर कुछ भी सर्च कर रहे हैं और वहां आपको क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहा जाए तो सतर्क रहने की जरूरत है। यह भी पढ़ें – राजस्थान के नए राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े कौन हैं जानें
यह है क्यूआर कोड फिशिंग
01- मोबाइल कैमरे से स्कैन किए जाने वाले क्यूआर कोड उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली वेबसाइट पर ले जाते हैं। 02- हैकर्स इन वेबसाइट को वास्तविक ई-कॉमर्स, एडवरटाइजिंग और रेस्त्रां की वेबसाइट्स की तरह डिजाइन कर रहे हैं। यह असली वेबसाइट्स का प्रतिरूप होती हैं और व्यक्ति की निजी जानकारियां मांगती हैं। 03- यूजर्स से यूपीआई पिन या ओटीपी दर्ज करने के लिए भी कहा जाता हैं। इससे व्यक्तिगत, फोन डिटेल्स सहित अन्य जानकारी हैकर्स के पास चली जाती हैं।
…अगले दिन मैसेज आया पेमेंट फेल
बाइस गोदाम निवासी जैनम गुप्ता ने ऑनलाइन शॉपिंग की। आर्डर कंफर्म होने के एक दिन बाद पेमेंट फेल का मैसेज आया। कंपनी ने ईमेल पर क्यूआर कोड भेजकर वापस भुगतान करने के लिए कहा। भुगतान के बाद पता चला खाते से दो बार पैसे कट गए। ठगों ने नकली कंपनी से मेल भेजा था।क्यूआर कोड स्कैन किया तो अकाउंट हैक
जवाहर नगर निवासी जानवी माथुर नौकरी की तलाश में थी। एक वेबसाइट पर दिए क्यूआर कोड स्कैन करने पर कई नौकरियों के बारे में पता चल रहा था। उसके 2-3 दिन बाद उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया और हैकर्स उनके दोस्तों व रिश्तेदारों से पैसों की मांग करने लगे।क्यूआर कोड फिशिंग की शिकायतें
1- 2023 से अब तक यूजर्स बढ़े – 2 करोड़।2- 2023 में कुल शिकायतें – 30,00,0 से अधिक।
3- 2024 से अब तक शिकायतें – 80,00,0 से अधिक।
(यूनिकोड बेवसाइट की रिपोर्ट)