शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अजमेर में एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसे साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से एसओजी जयपुर ट्रांसफर किया गया। एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि एएसपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में टीम ने गहराई से जांच करते हुए ठगी गई राशि को ट्रैक किया। जांच में खुलासा हुआ कि ठगी की रकम 150 खातों में ट्रांसफर की गई और फिर इसे कैश निकालकर यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया गया।
टीम ने कई स्थानों पर छापेमारी कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनसे 13 लाख रुपए नकद, 27 मोबाइल 43, डेबिट कार्ड 19, पासबुक 15, चेक बुक 16, सिम कार्ड 13, पेन.आधार कार्ड, एक लैपटॉप और एक कार बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपियों में राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, अंकित और राहुल जैसे व्यक्ति बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। दिलखुश नाम का आरोपी इन खातों की किट इकट्ठा कर अन्य लोगों को सौंपता था। ठगी से प्राप्त नकदी को संजीत, चैन सिंह और संदीप क्रिप्टो करेंसी में बदलने का काम करते थे। ये पैसे गैंग के अन्य सदस्य महंगे शौक पूरे करने में खर्च करते थे। एसओजी की इस कार्रवाई ने प्रदेश में साइबर अपराध के बढ़ते खतरों और इसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को उजागर किया है।