पुलिस ने बताया कि 26 जुलाई को पीड़ित ने ई-कॉमर्स वेबसाइट (
E-Commerce website ) पर कार का विज्ञापन देखा, जिसकी रेट 170000 थी। पीड़ित ने गाड़ी मालिक को दिए गए नंबरों पर फोन किया। उसने खुद को आर्मी कैप्टन बताकर सांगानेर एयरपोर्ट पर ड्यूटी होना बताया। व्यक्ति ने पीड़ित को कहा कि उसका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया है। इस वजह से गाड़ी बेचना चाहता है। विश्वास दिलाने के लिए उसने पीड़ित के मोबाइल पर गाड़ी की आरसी और आइडी कार्ड भेजा।
व्यक्ति ने पीड़ित से शुरुआत में पांच हजार रुपए मांगे। पीड़ित ने ई-मित्र के माध्यम से रुपए डाल दिए। उस व्यक्ति ने कहा कि वह एयरपोर्ट के गेट नंबर 1 पर गाड़ी लेकर आ रहा है आप 5100 रुपए और डाल दो।
पीड़ित झांसे (
Crime News ) में आ गया और दूसरी बार भी खाते में रुपए डाल दिए। कुछ देर बाद पीडि़त के पास बदमाश का फिर फोन आया उसने कहा कि गाड़ी का जीपीएस सिस्टम बंद पड़ा है, जिसे चालू करवाना है, क्योंकि जीपीएस चालू किए बिना गाड़ी एयरपोर्ट से बाहर नहीं आ सकती। इसलिए 17999 रुपए खाते में डाल दो।
पीड़ित फिर बातों में आ गया और पूरे रुपए डाल दिए। बदमाश ने कहा कि आपने रुपए टुकड़ों में डाला है, जो एयरपोर्ट के नियमों के खिलाफ है। आप एक साथ 17999 रुपए जमा करवाओ। पीड़ित को शक हुआ तो उसने रुपए नहीं जमा करवाए, लेकिन तब तक 28 हजार रुपए ठग ने हड़प लिए थे। अब पीड़ित को गाड़ी भी नहीं मिली।