ऐसे में राजस्थान सरकार की ओर से लोगों के घरों तक सामान पहुंचाने की व्यवस्था की पोल खुली रही है। सरकार और थाना क्षेत्रों की मदद नहीं मिलने के कारण लोगों को किराना, दूध और सब्जियों के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते चारदीवारी के सात थानों क्षेत्रों की अधिकतर किराने की दुकानें बंद पड़ी हैं और बहुत सी दुकानों पर खाद्य सामान खत्म हो गया है। ऐसे में दुकानदार और खरीददार दोनों ही परेशानी में है।
इस स्थिति के चलते चारदीवारी की करीब 2 हजार से अधिक दुकानों पर खाने—पीने की चीजें नहीं हैं। गौरतलब है कि जयपुर का चारदीवारी इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है। ऐसे में राज्य सरकार को इस वक्त चिंता होनी चाहिए, कहीं ऐसा ना हो कि भूख—प्यास से परेशान जनता सड़कों पर निकल पड़े। अगर ऐसा हो गया तो कोरोना इस इलाके को आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है।
कर्फ्यू के बाद ज्यादा सख्ती चारदीवारी में कर्फ्यू के बाद पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। ऐसे में किराना की दुकानें बंद पड़ी हैं और जरूरी चीजें लोगों के घर-घर नहीं पहुंच पा रही हैं। पुलिस जगह—जगह रूट मार्च कर रही है। दूसरी ओर कोरोना के खौफ के कारण भी अधिकतर दुकानों पर ताला जड़ा है। ऐसे में रिक्शा ट्रोली चलाने वाले और मेहनत मजदूरी करने वालों के खाने के लाले पड़ रहे हैं। कर्फ्यू और कोराना के खौफ के चलते राहत सामग्री पहुंचाने वालों का भी आना—जाना बंद है।
दूध की किल्लत हालांकि लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की चीजें मिल रही थीं, लेकिन कर्फ्यू और कोराना मरीज मिलने की वजह से दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर ताला लगा दिया है। वहीं अधिकतर दुकानों पर सामान नहीं है। दुकानदार मोहम्मद अकरम ने बताया कि इन दिनों दूध के साथ—साथ आटे व चावल की समस्या सबसे ज्यादा है। साथ ही अभी तक यहां पर विधायक की ओर से मॉस्क और सैनेटाइजर भी नहीं बटवाएं गए है। लोग अपने स्तर पर मॉस्क और सैनेटाइजर जुटा रहे हैं।
गलियों की दुकानों पर भी जड़े ताले
चारदीवारी की ज्यादातर गलियों में भी दुकानों पर ताले जड़े है। ऐसे में लोग घबराए हुए हैं और रोज-मर्रा में काम आने वाली चीजों के लिए घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर है। जागरूक नागरिक माहिरूल हसन ने बताया कि ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को मोहल्लों की फुटकर किराना और दवा दुकानों को स्थानीय प्रशासन की इजाजत से खोलने के निर्देश दिए जाने चाहिए। ऐसे में ध्यान रखा जाए कि ऐसा करते समय कहीं कोई अव्यवस्था न होने पाए।