तख्तियों का संबंध अमोरी लोगों से
इन तख्तियों को अमोरी (Amorite) लोगों ने बनाया था। अमोरी मध्य पूर्व में रहते थे और मूल रूप से Canaan क्षेत्र (जहां आधुनिक इजराइल, जॉर्डन और सीरिया हैं) के थे, लेकिन वे बाद में मेसोपोटामिया (ऐसा क्षेत्र जो बाद में इराक के कुछ हिस्सों में शामिल हो गया) में चले गए। शोधकर्ताओं के अनुसार, अमोरी लोगों के बारे में हमारी जानकारी इतनी सीमित थी कि कुछ विशेषज्ञों को संदेह था कि क्या ऐसी कोई भाषा होती भी है। हालांकि बाद में पाया गया कि दोनों तख्तियों पर मौजूद शब्द लैंडस्केप फॉर्मेट (Landscape format) में हैं, जैसा आमतौर पर मेसोपोटामिया (Mesopotamia) से जुड़ी तख्तियों में होता है।
एक भाषा ने की दूसरी को समझने में मदद
दोनों तख्तियों के लेख खड़ी रेखाओं के जरिए दो कॉलम में बंटे हुए हैं। बाएं भाग में कनानी भाषा लिखी हुई है जबकि दाएं में अक्कादियन (Akkadian) की एक पुरानी बोली, जिसे विशेषज्ञ पढ़ सकते हैं। इस तरह एक तख्ती पर दो भाषाएं साथ-साथ मौजूद हैं। इनमें से एक, दूसरी भाषा को समझने में ठीक उसी तरह मदद करती है जैसे रोसेटा स्टोन (Rosetta Stone) ने प्राचीन मिस्र की चित्रलिपि की गुत्थियों को सुलझाया था।
टूरिस्ट गाइडबुक जैसी होती हैं प्रतीत
तख्तियों के एक हिस्से में देवताओं की सूची है। दूसरे खंड में स्वागत के लिए उपयोग किए जाने वाले वाक्यांश। विशेषज्ञों का कहना है कि ये तख्तियां अक्कादियन बोलने वालों के लिए एक तरह की ‘टूरिस्ट गाइडबुक’ (Tourist guidebook) प्रतीत होती हैं, जिन्हें कनानी भाषा सीखने की जरूरत थी।