मुलजिम पर आरोप था कि युवती को शादी का झांसा देकर आरोपी ने दुष्कर्म किया और ब्लैकमेल कर हजारों रुपए ऐंठ लिए। बाद में शादी से मना करने पर पीड़िता ने सेलफोस की गोलियां खा लीं, जिससे उसकी अस्पताल में मौत हो गई। मृतका के पिता ने 13 अप्रैल, 2021 को रिपोर्ट दी कि उसकी पुत्री ने जहरीली वस्तु खा ली। सूचना पर घर पहुंचा तो पुत्री ने बताया कि वह सद्दाम पुत्र मोहम्मद हुसैन से परेशान हो गई। उसने ब्लैकमेल कर 70-80 हजार रुपए ले लिए और होटल ले जाकर कई बार बलात्कार किया। वायदे के अनुसार जब शादी के लिए कहा, तो उसने इनकार कर दिया। रिपोर्ट पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता के पर्चा बयान दर्ज हुए। जिसमें पीड़िता ने सद्दाम द्वारा ब्लैकमेल करने की वजह से सेल्फास की गोलियां खाने का आरोप लगाया। पर्चा बयान को पुलिस ने मोबाइल से भी रिकॉर्ड किया। जिसके बाद इन सभी दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया गया।
इस आधार पर मृत्यु पूर्व दिए कथनों को न्यायालय ने महत्वपूर्ण दस्तावेज माना और उच्चतम न्यायालय के विचार को प्रतिपादित करते हुए लिखा कि ‘जीवन के अंतिम समय में कोई व्यक्ति झूठ को अपने मुंह में लेकर नहीं जाता है। उस समय मरने वाला व्यक्ति सत्य ही बोलता है। न्यायालय ने अभियोजन के गवाहों में से मृतका के माता-पिता, भाई, मेडिकल साक्षी, अनुसंधान अधिकारी की गवाही को भी महत्वपूर्ण माना। जिसके आधार पर आरोपी सद्दाम हुसैन को धारा 306 आईपीसी के अन्तर्गत व 10 साल का कठोर कारावास और 25000 रुपए जुर्माना एवं धारा 376 आईपीसी में 7 वर्ष का कारावास और 25000 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया।