जयपुर

खुद की करोड़ों की जमीन फिर भी किराए पर, भ्रष्टाचारी एसआई बबिता चौधरी का गजब कारनामा

ऑनलाइन विज्ञापन कंपनी के निदेशक से बिटकॉइन मामले में फंसाने की धमकी देकर रुपए एेंठने वाली शिप्रापथ थाने की सब इंस्पेक्टर बबिता चौधरी के पास मिले अचल सम्पत्तियों के कागजात देखकर एक बारगी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम भी सकते में आ गई। एसीबी ने उसके वैशालीनगर स्थित किराए के मकान की तलाशी ली तो उसके घर से 19 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं।

जयपुरAug 09, 2018 / 12:38 am

Dinesh Gautam

नहीं मिट रही सरकारी कारिंदों में पैसों की भूख बगैर रिश्वत लिए नहीं कर रहे दफ्तरों में काम जितनी सख्ती दिखाई सरकार ने, बढ़ा भ्रष्टाचार का रोग एसीबी की कार्रवाई भी नहीं रोक पा रही भ्रष्टाचार का कैंसर एंकर — भ्रष्टाचार को मिटाने की आवाज जितनी बुलंद होती है सरकारी महकमों में उतनी ही तेजी से ये कैंसर पसरता जा रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर सभाप​ति की सीट पर बैठे लोग बगैर लेन—देन के काम करना ही नहीं चाहते। यही वजह है कि भ्रष्टाचार को रोकने वाली एजेंसी रोजाना दो से तीन लोगों को पकड़ तो रही है, लेकिन रिश्वतखोर कर्मचारी—अफसरों में कोई खौफ नहीं है। कह सकते है कि दर्द बढ़ता ही गया, जैसे—जैसे दवा दी। देखिए खास रिपोर्ट वीओ — भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदेश में अब तक कई आईएएस अफसरों से लेकर छोटे पदों पर बैठे कर्मचारियों तक को रिश्वत लेते हुए पकड़ा हैं, लेकिन सरकार की ईच्छा शक्ति या वोट बैंक की बेबसी कहें, भ्रष्टाचार की बीमारी कैंसर में तब्दील नजर आ रही है। इस बीमारी से आजिज आ चुके चंद लोगों ने लड़ने की हिम्मत तो दिखाई, लेकिन घूस खाने की आदत ​इतनी गहरी हो गई कि जहां हाथ रखा वहीं दर्द नजर आया। दरअसल सरकार ने भ्रष्टाचारी को बचाने का सबसे बड़ा ​हथियार अपने ही पास रखा हुआ है। ऐसे में भ्रष्टाचारी अफसर पर कड़ी कार्रवाई होने से पहले बड़े ओहदों पर बैठे अफसर—मंत्री उन्हें बचा लेते है। चपेट में आते है तो कुछ छोटे कर्मचारी। खुद को सेफ जोन में देख अफसर और कर्मचारी बेलगाम रिश्वतखोरी करते है। सरकारी महकमों घूसखोरी का आलम यह है कि एक अगस्त से लेकर आठ अगस्त तक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रोजाना एक कार्रवाई को अंजाम दिया, लेकिन मजाल है कि कोई डर किसी महकमें में भ्रष्ट कारिंदों को लगा हो। 1 अगस्त — नागौर में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक कार्यालय समेत 11 जगहों पर छापेमारी की। इसमें 50 लाख की नकदी और दस्तावेज बरामद किए। वहीं उपनिदेशक और दो दलाल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। — उदयपुर रेंज ने पेशंन डिपार्टमेंट के चतुर्थश्रेणी कर्मचारी को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा, इससे पहले वह पांच सौ रूपए ले चुका था। रिवाईज पेंशन का पीपीओ लेने की एवज में मांगी थी घूस 2 अगस्त — सचिवालय के गृह विभाग में अनुभागाधिकारी कुंदनलाल को गिरफ्तार किया। आरोप है कि पाक विस्थापितों से वीजा फार्म भरने के बदले रिश्वत मांगी थी। — कोटा के बोरखेड़ा थाने में कांस्टेबल नरेंद्र सिंह को पकड़े गए आॅटो को छुड़वाने के बदले 40 हजार रुपए की मांग की गई, 30 हजार रुपए में सौदा तय हुआ और दस हजार रुपए लेते गिरफ्तार 6 अगस्त — कोटा में आरके पुरम थाने के एसआई सुरेश कुमार और एएसआई रफीकुद्दीन को दर्ज मुकदमें में परिवादी की मदद करने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, मामले में 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते दोनों को पकड़ा 7 अगस्त — जयपुर के आॅनलाइन विज्ञापन कंपनी के निदेशक को बिटकॉइन मामले में फंसाने का डर दिखाकर मामला दर्ज नहीं करने के बदले 5 लाख की रिश्वत लेते शिप्रापथ थाने की एसआई और उसका वकील पति गिरफ्तार। 8 अगस्त — अजमेर के ब्यावर नगर परिषद की सभापति बबीता चौहान ने कॉम्प्लेक्स के नक्शे को मंजूरी देने के बदले अस्सी लाख रुपए की कीमत की दुकान मांगी, जमा दस्तावेजों के बदले 2.75 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार। — नागौर के तांतवास पटवारी बस्तीराम को एसीबी ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। डीएसपी जाकिर अख्तर ने की कार्रवाई।

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ऑनलाइन विज्ञापन कंपनी के निदेशक से बिटकॉइन मामले में फंसाने की धमकी देकर रुपए एेंठने वाली शिप्रापथ थाने की सब इंस्पेक्टर बबिता चौधरी के पास मिले अचल सम्पत्तियों के कागजात देखकर एक बारगी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम भी सकते में आ गई। एसीबी ने उसके वैशालीनगर स्थित किराए के मकान की तलाशी ली तो उसके घर से 19 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इसमें कृषि भूमि के साथ आवासीय और वाणिज्यिक भूमि शामिल है। इनमें से ७ संपत्तियां तो बबिता और उसके पति अमरदीप के नाम हैं। वहीं 5.80 लाख रुपए की नकदी और करीब दस लाख रुपए के गहनों के बिल भी बरामद हुए हैं। एसीबी ने बुधवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एसीबी के सूत्रों ने बताया कि बबिता वैशालीनगर में ससुराल वालों के साथ 15 हजार रुपए प्रतिमाह के किराए से रहती है। जबकि उसके पास उसके और पति के नाम से शहर में अच्छी लोकेशन पर पांच आवासीय भूखंड हैं, जो जगतपुरा, कालवाड़, सीकर रोड, निवारू रोड, टोंक के निवाई में स्थित हैं। वहीं, दो जगहों पर दुकानों के भूखंड हैं। इसके अलावा 12 और संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं, जो दूसरे लोगों के नाम से है। माना जा रहा है कि यह बेनामी संपत्ति हो सकती है। इसमें कृषि भूमि से लेकर आवासीय और वाणिज्यिक श्रेणी के भूखंड शामिल है। एसीबी दस्तावेजों की जांच में जुटी हुई है।
घर में मिली छह लाख की नकदी
एसीबी अधिकारियों ने बबिता के घर की तलाशी ली तो घर की अलमारी में 5.80 लाख रुपए की नकदी मिली है। इसके बारे में बबिता और अमरदीप कोई जवाब नहीं दे पाए। वहीं, बैंक खातों के बारे में जानकारी करने पर पहले तो खाता होने से ही इनकार कर दिया, लेकिन जब तथ्य सामने रखे तो दोनों ने चुप्पी साध ली।
दस लाख के गहनों के बिल, गहने नहीं
खास बात यह रही कि बबिता के घर की तलाशी में करीब दस लाख रुपए के गहनों की खरीदारी के बिल मिले हैं, लेकिन घर में गहने नहीं मिले। एसीबी ने लॉकर होने के बारे में पूछा तो दोनों ने इनकार कर दिया। जबकि बिल होने के बावजूद गहने नहीं मिलने के सवाल पर मुंह बंद कर लिया।
मोबाइल आईडी में एसीपी क्राइम ब्रांच
एसीबी ने अमरदीप चौधरी का मोबाइल नंबरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ट्रू कॉलर पर जांचा तो उसमें उसकी पहचान एसीपी क्राइम ब्रांच के नाम से आ रही थी। एसीबी को संदेह है कि कहीं लोगों को ठगने या भ्रमित करने के लिए तो यह पद नाम आईडी में नहीं डाला गया। एसीबी इसकी भी जांच कर रही है, वहीं लैपटॉप और मोबाइल को भी जांच के लिए एफएसएल भेज दिया है, जिसमें वाट्सएप पर चैटिंग और कॉलिंग की जानकारी ली जा सके।
महज ढाई साल की फील्ड पोस्टिंग में बटोरी संपत्ति

एसीबी अधिकारियों का कहना है कि 2010 में बबिता सब इंस्पेक्टर बनी थी। उसके बाद से अब तक करीब ढाई साल ही फील्ड में पोस्टिंग पर रही है। दो साल प्रतापनगर थाने में तैनात थी। इसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया। वहां से लाइन में लगा दिया गया। करीब चार महीने पहले ही उसे शिप्रापथ थाने में लगाया था।
ये था मामला

महिला सब इंस्पेक्टर बबिता ने ऑनलाइन विज्ञापन करने वाली कंपनी के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज नहीं करने को लेकर 50 लाख रुपए की मांग की थी, जिसमें सौदा 45 लाख रुपए में तय हो गया। पहली किस्त के तौर पर पांच लाख रुपए की रिश्वत थाने के सामने रेस्टोरेंट में लेते हुए एसीबी ने बबिता और उसके पति अमरदीप को गिरफ्तार किया था।

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