जयपुर

गोसेवा सबसे बड़ी सेवा— स्वामी गोविंददेव गिरी

5000 वर्ष पूर्व लिखे वेद महर्षि चरक की चरक संहिता की ओरिजिनल प्रति भेंट स्वरूप प्रदान की

जयपुरFeb 19, 2024 / 07:25 pm

Shipra Gupta

सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला में सोमवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी ने गोसेवा की। भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता सहित अन्य लोगों ने स्वामी का माला व दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने गोमाता की पूजा भी की। यहां काल भैरव मंदिर में हवन में आहुतियां दी। उन्होंने राम दरबार का अर्चन करते हुए कहा कि पिंजरापोल गौशाला संपूर्ण भारत में कृषि के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहा है। यहां स्टीविया के पौधे व औषधियों के प्रयोग को मानव जीवन में गो कृषि के जरिए राष्ट्र निर्माण के लिए अहम बताया। गोसेवा सबसे बड़ी सेवा है। डॉ. अतुल ने स्वामी को 5000 वर्ष पूर्व लिखे वेद महर्षि चरक की चरक संहिता की ओरिजिनल प्रति भेंट स्वरूप प्रदान की। साथ ही डॉ.अतुल की लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया। मोनिका गुप्ता, राधेश्याम विजयवर्गीय, शिवरतन चितलांगिया, राजू अग्रवाल, विवेक लड्ढा, संगीता गौड़, अंकित चितलांगिया, मुकेश भारद्वाज मौजूद रहें।

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