दरअसल, गत वर्ष फरवरी माह में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 50 करोड़ रुपए की लागत से दो रोबोट खरीदकर लाए गए थे। इसमें एक रोबोट को एसएमएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल व दूसरे को एसएमएस अस्पताल को दिया गया था। बताया जा रहा है कि एसएमएस सुपरस्पेशलिटी में रोबोट से मरीजों की सर्जरी हो रही लेकिन एसएमएस अस्पताल में एक साल से सर्जरी कभी बंद तो कभी चालू रहती है। करीब छह माह से तो यह बंद ही पड़ी है। कारण कि सर्जरी के दौरान काम में लिए जाने वाले रोबोट के उपकरणों का टोटा है। इसलिए रोबोट ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में धूल ही फांक रहा है। दोबारा रोबोटिक सर्जरी कब शुरू होगी। इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
अभी तक पैकेज ही तय नहीं आश्चर्यजनक है कि रोबोट को लाए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक यह भी तय नहीं कर पाए कि इससे कौन-कौन सी सर्जरी करनी है। उसके पैकेज भी तय नहीं कर पाए हैं। इसको लेकर एचओडी से लेकर अधीक्षक, प्राचार्य सभी के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है।
इसलिए हो रही दिक्कत इतना ही नहीं, रोबोट की गारंटी वांरटी भी अंतिम स्टेज पर है। यदि रोबोट का कोई पार्ट खराब हो गया तो उसे बदलने में अस्पताल प्रशासन के पसीने छूट जाएंगे। क्योंकि जब रोबोट ही 25 करोड़ का है तो उसके पार्ट्स भी लाखों रुपए के होंगे। इसी कारण सर्जरी के उपकरण नहीं खरीद पा रहे है, क्योंकि वो भी महंगे है। अस्पताल प्रशासन स्वयं उनको खरीदने में असक्षम मान रहा है।
डेढ़ साल से जिम्मेदारों का एक ही जवाब…फाइल लास्ट स्टेज पर है, जल्दी तय होगा कोड – अधीक्षक बोले, जल्दी करवाता हूं – सर्जरी विभाग की एचओडी डॉ. प्रभा ओम का कहना है कि कोड नहीं बनने के कारण देरी हो रही थी। फाइल लास्ट स्टेज पर है। जल्दी उपकरणों की खरीद हो जाएगी फिर कोई दिक्कत नहीं रहेगी। इधर, अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी का कहना है कि कई महीने से रोबोटिक सर्जरी बंद है, जानकारी है, हम लोकल स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। जल्द करवाता हूं।