बाजार से आई जानकारी
जोन चार के अधिकारियों की मानें तो ये पट्टे बाजार में आ गए थे और इन दोनों भूखंडों को बेचने की तैयारी चल रही थी। ऐसे में जब जेडीए में एक व्यक्ति पूछताछ के लिए आया तो मामला खुल गया।
पट्टा करवा लिया पंजीकृत
-मिश्रित भू-उपयोग के भूखंड संख्या सी-1 (651.46 वर्ग मीटर) और सी-2 (464.50 वर्ग मीटर) के पट्टे नौ अक्टूबर को डिस्पैच किए गए। 14 अक्टूबर को उप पंजीयन कार्यालय रामपुरा डाबड़ी में पंजीकृत भी करवा लिए। -पट्टे जारी करने के दौरान मौजूदा जोन उपायुक्त, सहायक नगर नियोजक, कनिष्ठ अभियंता में से किसी के हस्ताक्षर न होकर अन्य के हस्ताक्षर पाए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।
-मिलीभगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जांच करने पर ऐसी कोई फाइल जोन में मिली ही नहीं जिसके जरिये पट्टे जारी हुए थे। गार्ड के बाद जब अरबन प्लानर से पूछताछ की गई तो वह फाइल तीन घंटे में ही ले आया।