भारत सरकार चीन, थाइलैंड, जापान, जैसे देशों के बाद अब काठमांडू, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया से आने वाले यात्री विमानों की भी हवाई अड्डों पर व्यापक जांच की योजना बना रही है। एक विस्तृत समीक्षा के बाद शनिवार को दिल्ली में यह फैसला लिया गया। पहले जारी की गई यात्रा सलाह के अलावा अब भारतीय नागरिकों को सिंगापुर की भी गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
इधर वायरस के कहर से जूझ रहा चीन इस हालात में भी भारत से ‘भेदभाव कर रहा है। भारत में मेडिकल सप्लाई से भरे विशेष विमान को वुहान जाने के लिए उसने अब तक मंजूरी नहीं दी है, जबकि जापान, यूक्रेन और फ्रांस की उड़ानों को 16 से 20 फरवरी के बीच जाने की इजाजत दे दी। भारत बीते गुरुवार को ही वायु सेना के सबसे बड़े मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को चीन भेजने वाला था। वापसी में इसी विमान से वुहान शहर व हुबेई प्रांत में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाया जाना था। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन सरकार वहां रह रहे भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को अहमियत देती है। हमने भारतीय नागरिकों के वापस जाने में पूरी मदद की। हुबेई में महामारी की स्थिति जटिल हो चुकी है। दोनों ही देशों के विभाग इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि चीन जानबूझकर को मंजूरी नहीं दे रहा है।