अफसरों ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए पुरानी लाइन में PSP के जरिए नलों की टोंटियां लगा कर कनेक्शन जारी कर दिए। वहीं ग्रामीणों ने पानी के कम प्रेशर व कम गुणवत्ता की शिकायत की तो खुद एसीएस पंत ने टेस्टिंग किट से पेयजल की जांच की तो उसमें क्लोरीन की मात्रा कम पाई गई। फील्ड में मिशन की इस स्थिति को देख एसीएस पंत उखड गए और एसई राजेश गोयल की जमकर क्लास ली और उन्हें चार्जशीट देने के आदेश अधिकारियों को दिए।
पंत ने टोंक जाते समय जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह आरओ प्लांट के पानी की जांच टेस्टिंग किट के जरिए की। जिसमें सभी जगह पानी की गुणवत्ता सही पाई गई। वहीं पंत के दौरे के समय जयपुर ग्रामीण अधीक्षण अभियंता आरसी मीणा की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत इस वित्तीय वर्ष में 30 लाख पेयजल कनेक्शन होने हैं। लेकिन फील्ड इंजिनियरों की लापरवाही का आलम यह है कि पहली तिमाही निकलने के बाद महज 1 लाख पेयजल कनेक्शन ही जारी हो पाए हैं। ऐसे में इस बात पर संशय है कि इस वित्तीय वर्ष में पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
पंत ने टोंक जाते समय जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह आरओ प्लांट के पानी की जांच टेस्टिंग किट के जरिए की। जिसमें सभी जगह पानी की गुणवत्ता सही पाई गई। वहीं पंत के दौरे के समय जयपुर ग्रामीण अधीक्षण अभियंता आरसी मीणा की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत इस वित्तीय वर्ष में 30 लाख पेयजल कनेक्शन होने हैं। लेकिन फील्ड इंजिनियरों की लापरवाही का आलम यह है कि पहली तिमाही निकलने के बाद महज 1 लाख पेयजल कनेक्शन ही जारी हो पाए हैं। ऐसे में इस बात पर संशय है कि इस वित्तीय वर्ष में पेयजल कनेक्शन का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।