सहकारी डेयरियों से जुड़ी दुग्ध उत्पादक महिलाओं का भविष्य सुरक्षित- सुषमा अरोड़ा
राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा ने कहा है कि सहकारी डेयरियों से जुड़ी दुग्ध उत्पादक महिलाओं का भविष्य सुरक्षित है और उनके आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये अनेक कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।
सहकारी डेयरियों से जुड़ी दुग्ध उत्पादक महिलाओं का भविष्य सुरक्षित- सुषमा अरोड़ा
जयपुर, 23 दिसम्बर। राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा ने कहा है कि सहकारी डेयरियों से जुड़ी दुग्ध उत्पादक महिलाओं का भविष्य सुरक्षित है और उनके आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये अनेक कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। अरोड़ा शुक्रवार को टोंक में सोनारी महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति में 2000 लीटर क्षमता के बल्क मिल्क कूलर के उद्घाटन के अवसर पर महिला दुग्ध उत्पादकों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि महिलाएं सहकारी डेयरी आन्दोलन की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं और उन्हें अधिक से अधिक संख्या में सहकारी डेयरियों से जुडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं सहकारी डेयरियों के दुग्ध संकलन की बढ़ोतरी में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उन्होंने मालपुरा में 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता और 10 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे सरस डेयरी प्लान्ट का भी निरीक्षण किया। उन्होंने
प्लान्ट में दूध की पैकिंग के साथ अन्य उत्पाद भी बनाने के निर्देश दिए। वर्तमान में दुग्ध संघ टोंक की ओर से 80 हजार लीटर दूध प्रतिदिन संकलित किया जा रहा है जिसके विरुद्व दुग्ध संघ को 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन का लक्ष्य दिया गया है। इस अवसर पर टोंक डेयरी के चैयरमेन दुर्गालाल जाट, आरसीडीएफ के महाप्रबन्धक विपणन जयदेव सिंह टोंक डेयरी के एमडी सुबेदीन खान और मालपुरा प्लान्ट प्रभारी रामावतार मौजूद थे।
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