बता दें, कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर पूर्व राजस्थान सीएम अशोक गहलोत का वीडियो शेयर किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के आर्टिकल को लेकर कहा कि इसको सभी को पढ़ना चाहिए।
लेख को लेकर गहलोत ने क्या कहा?
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान जारी करके कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां उद्योगपति कहते हैं कि उन्हें नेताओं के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। प्रधानमंत्री-मंत्री, किसी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। सभी उद्योगपतियों के लिए सामान नियम होते हैं। संस्थाएं सामान रूप से सभी का ध्यान रखती है और कोई भय नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इसी तरफ राहुल गांधी ने देशवासियों का ध्यान आकर्षित करवाया है। इसको गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह सबके हित में है। अगर खुला माहौल और समान नियम मिलेंगे, कोई भय नहीं होगा तो निवेशक भी आगे आएंगे। कई नए एंटरप्रेन्योर बनेंगे जो देशहित में होगा।
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि सरकार किस पार्टी की है, उसके हिसाब से उद्योगपति को यह महसूस हो कि अब वह ज्यादा काम कर सकता है और ज्यादा प्रोडक्शन मिलेगा। यह अच्छी परंपरा नहीं है। अशोक गहलोत ने भारत की जांच ऐजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई का भय भी बहुत खतरनाक है। जब सुप्रीम कोर्ट ने जोड़ा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के लेन-देन भी उस ढंग से हुए हैं कि किस प्रकार से हम ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई से लोगों को डराएं, धमकाएं और इलेक्टोरल बॉन्ड लें, यह ज्यादा खतरनाक बात है।
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दीया कुमारी ने किया था विरोध
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने लेख में जो लिखा है, मैं उसकी कड़ी निंदा करती हूं। दीया कुमारी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘उन्होंने लिखा है कि पूर्व राजपरिवारों ने रिश्वत ली और उनकी आलोचना की।’ इससे ऐसा लगता है कि उन्हें इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है। उन्हें पहले ज्ञान इकट्ठा करना चाहिए। वे सांसद हैं। ऐसा करने से पहले उन्हें सारे तथ्य इकट्ठा करने चाहिए थे। उन्होंने ऐसा नहीं किया। दीया कुमारी ने कहा कि पूर्व राजपरिवारों के योगदान को सभी जानते हैं। जब भारत का एकीकरण हुआ था, तब भी उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। जब सरदार वल्लभभाई पटेल के आह्वान पर भारत का एकीकरण हुआ था, तब सभी पूर्व राजपरिवारों ने आगे आकर कहा था कि वे मिलकर नया भारत बनाएंगे। मुझे लगता है कि राहुल गांधी को या तो यह पता नहीं है या फिर वे जानबूझकर पूर्व राजपरिवारों की छवि खराब करना चाहते हैं।
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राहुल गांधी की इस बात पर मचा बवाल
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने बुधवार को छपे कई अखबारों में लेख लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि, “ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की आवाज अपनी व्यापारिक शक्ति से नहीं बल्कि अपने शिंकजे से कुचली थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के राजा- महाराजाओं को डराकर-धमकाकर और उन्हें घूस देकर भारत पर राज किया। उन्होंने यह भी लिखा कि, ईस्ट इंडिया कंपनी खत्म हो गई लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, वह फिर से दिखाई देने लगा है। एकाधिकारवादियों की एक नई पीढ़ी ने उसकी जगह ले ली है। राहुल गांधी ने इस लेख में यह भी लिखा है कि, “कंपनी ने हमारे अधिक लचीले महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, रिश्वत देकर और धमकाकर भारत का गला घोंटा। इसने हमारे बैंकिंग, नौकरशाही और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया। हमने अपनी आजादी किसी अन्य राष्ट्र से नहीं खोई, हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम से खो दीया जिसने एक जबरदस्ती तंत्र चलाया।”