जयपुर

पुलिस ने इस तरह दिव्यांश को खोज निकाला, गोद में लेते ही बोली दादी- जो म्हारा लाल न लेर आयो वो देवता छै

तीन अगस्त की शाम से लापता दिव्यांश को आखिरकार इन्होंने 6 अगस्त की शाम करीब साढ़े चार बजे सकुशल ढूंढ लिया।

जयपुरAug 07, 2022 / 11:45 am

Santosh Trivedi

कांस्टेबल भीम सिंह… यह वही नाम है, जिसने चार माह के दिव्यांश को ढूंढ लिया। इनका मुखबिर पर विश्वास और तुरंत सूचना को वेरिफाइ करने से मासूम अपने माता-पिता से मिल सका। तीन अगस्त की शाम से लापता दिव्यांश को आखिरकार इन्होंने 6 अगस्त की शाम करीब साढ़े चार बजे सकुशल ढूंढ लिया। महेश नगर थाने के कांस्टेबल भीमसिंह के अनुसार, शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे मुखबिर का कॉल आया, उसने बताया कि बच्चे के अपहरण के मामले में जिस आरोपी को ढूंढ रहे हो, उसे मानसरोवर रीको एरिया में स्थित चौखटी पर कई बार देखा है। वह मजदूरी का काम करता है। मैं तुरंत थाने से निकल 12 बजे मानसरोवर पहुंच गया। सूचना वेरिफाइ करने की कोशिश की, लेकिन पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले।

 

रात्रि में सोचा कि सूचना गलत तो नहीं हो सकती, इसे डवलप करनी पड़ेगी। सुबह सात बजे वापस चौखटी पर पहुंच गया। वहां पर मजदूरों से बातचीत की, आरोपी की फोटो दिखाई, तो कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया और नजदीक ही पवन विहार कॉलोनी में रहने वाला बताया। डोर-टू-डोर तलाश करनी थी, ऐसे में तकनीकी शाखा के कांस्टेबल देवराज और कांस्टेबल मंजू को बुलाकर घर-घर दस्तक दी।

करीब पचास मकान में तलाश के बाद आरोपी हेमेन्द्र का मकान मिला। वहां पर बच्चा भी मिल गया , जिसे आरोपी और घर में मौजूद एक महिला अपना बच्चा बता रही थी। उनसे बच्चा लेने का प्रयास किया, लेकिन वे ना-नुकुर करने लगे। उनसे बच्चा छीना और उसकी फोटो क्लिक कर उच्चाधिकारियों को भेजी। बच्चे के परिजन को फोटो दिखाई तो उन्होंने पहचान लिया। आखिरकार इस तरह से बच्चा मिलने पर पुलिस ही नहीं पूरे जयपुर ने राहत की सांस ली।

तीन दिन तक बच्चे को घर में ही रखा:
डीसीपी ईस्ट राजीव पचार ने बताया कि अपहरण के बाद आरोपी बच्चे का अपने घर ले गया था। तीन दिन वहीं पर रखा। आस-पास में किसी को शक न हो, इस कारण उसने अपनी छोटी बेटी को ससुराल भिजवा दिया। ताकि घर में बच्चों की संख्या समान ही रहे। अपहरण में हेमेंद्र के परिवार की भूमिका का भी पता लगा रहे हैं। भूमिका स्पष्ट होने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
मददगार बना सोशल मीडिया:
अपहृत दिव्यांश व आरोपी को तलाशने के लिए पुलिस ने पोस्टर व मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल किए। आमजन ने हाथों-हाथ उन्हें शेयर कर आगे से आगे बढ़ाया। पुलिस को राजस्थान के झुंझुनूं, चित्तौड़गढ़, दौसा, सांगानेर और मध्यप्रदेश से कई सूचनाएं प्राप्त हुईं। पुलिस टीमों को वहां भेजा भी गया और हर सूचना को वेरिफाइ करने का प्रयास किया। पुलिस अधिकारियों ने भी जयपुर के लोगों का धन्यवाद दिया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर बच्चे को ढूंढने में सहयोग किया।
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‘जो म्हारा लाल न लेर आयो वो देवता छै’
पुलिस आयुक्तालय में जब दिव्यांश को उसकी दादी ढोली देवी को सौंपा तो उसकी आखें चमक उठी। बच्चे को गोद में लेकर उसे लाड़ करते हुए दादी बोलीं, मेरा लाल मिल गया। जो म्हारा लाल न लेर आयो वे देवता छै। आज मने सुकून की नींद आवेली। दादी ढोली देवी ने बीते तीन दिन से खाना भी नहीं खाया। शनिवार को वह दिव्यांश को गोद में लेते ही चहक पड़ी।

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