यह था मामला परिवादी ने टोंक में अन्नपूर्णा तालाब से मछली पकड़ने के लाइसेंस के लिए गत वर्ष नवम्बर में आवेदन किया था। इसके लिए फीस भी जमा करवा दी थी। लाइसेंस के लिए राकेश दवे ने निदेशक प्रेमसुख बिश्नोई से बात कर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। रकम कम करते-करते 35 हजार रुपए में सौदा तय किया। शुक्रवार को परिवादी निदेशक बिश्नोई के पास पहुंचा जहां रिश्वत की राशि सहायक निदेशक को देने के लिए कहा। परिवादी ने 35 हजार रुपए देकर लाइसेंस लिया तभी एसीबी ने रंगे हाथ पकड़ लिया।