विधानसभा चुनाव के चल रही तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के थिंक टैंक में इन दिनों बेचैनी है। दरअसल बेचैनी की वजह लगातार हार वाली सीटें हैं जहां पर दोनों ही दलों को हार लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दोनों ही दल हार का क्रम किस प्रकार तोड़ पाए इसी जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। हालांकि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को इस मामले में ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दऱअसल प्रदेश में 52 सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है वहीं भाजपा को 14 सीटों पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस थिंक टैंक भी जुटा नई रणनीति में
लगातार जिन सीटों पर पार्टी को हार मिल रही है उन पर जीत के लिए कांग्रेस थिंक टैंक ने भी अब नए सिरे से रणनीति तैयार करना शुरू कर दी है। इसके लिए बकायदा माइक्रो मैनेजमेंट के तहत चुनावी तैयारियां शुरू की गई हैं साथ ही पार्टी के अग्रिम संगठनों के नेताओं को भी इन सीटों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं चर्चा यह भी है कि लगातार हार रही सीटों पर चुनावी चेहरे भी बदलने की रणनीति बनाई जा रही है।
इन सीटों पर मिल रही कांग्रेस को लगातार तीन बार से हार
श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, उदयपुरवाटी, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, किशनगढ़ बास, बहरोड, थानागाजी, अलवर शहर, नगर, नदबई, धौलपुर, महवा, गंगापुर, मालपुरा, अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, ब्यावर, नागौर, खींवसर, मेड़ता, जैतारण, सोजत, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, सिवाना, भीनमाल, सिरोही, रेवदर, उदयपुर, घाटोल, कुशलगढ़, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा साउथ, लाडपुरा, रामगंज मंडी है।
इन सीटों पर चार बार से ज्यादा हारी कांग्रेस
वहीं कई सीटे ऐसी भी हैं जहां कांग्रेस को चार या उससे ज्यादा बार हार का सामना करना पड़ रहा है उन सीटों में बाली, पाली, सूरसागर, झालरापाटन, खानपुर और उदयपुर शहर है। 2008 में सूरसागर रिजर्व सीट से सामान्य हुई थी।
केवल 5 सीटें ऐसी जहां पर तीन बार से लगातार जीत रही कांग्रेस
वहीं 200 में से केवल चार सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस को लगातार तीन बार से जीत मिल रही है। इनमें सरदारपुरा, झुंझुनूं, लक्ष्मणगढ़ और बागीदौरा, बाड़मेर है। सरदारपुरा से अशोक गहलोत लगातार 5वीं बार विधायक हैं।
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