पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जल स्वावलंबन ( Jal swavalamban ), भामाशाह योजना ( bhamashah yojna ), स्वच्छता अभियान आदि पर बच्चों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए 9 से 12वीं तक समाजोपयोगी योजनाओं के नाम से किताबें चला रखी थी। इन किताबों की न तो परीक्षा होती थी और न ही नंबर जोड़े जा रहे थे। केवल योजनाओं की जानकारी के लिए ही ये किताबें चलाई गई थीं।
मंत्री बोले, कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई
मामले पर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasara ) ने बताया कि इन किताबों पर अभी तक पाठ्यक्रम समिति की रिपोर्ट नहीं आई है। इस कारण किताबों को रोका गया है। रिपोर्ट ही बताएगी कि भविष्य में ये किताबें चलाई जाएंगी या नहीं।
मामले पर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasara ) ने बताया कि इन किताबों पर अभी तक पाठ्यक्रम समिति की रिपोर्ट नहीं आई है। इस कारण किताबों को रोका गया है। रिपोर्ट ही बताएगी कि भविष्य में ये किताबें चलाई जाएंगी या नहीं।
जौहर और वीर सावरकर पर हुआ विवाद
सरकार बदलने के साथ ही स्कूलों की किताबों में पाठ्यक्रम बदलने का दौर शुरू हुआ। सबसे पहले आठवीं कक्षा में अंग्रेजी विषय की किताब के पहले अध्याय में अब तक रानी पद्मावती और अन्य महिलाओं के जौहर का चित्र था। उसे सरकार ने हटा दिया। जौहर की जगह अब केवल दुर्ग का चित्र लगाया गया है। भाजपा नेताओं ने इसे सतीत्व का अपमान बताया था। वहीं, सावरकर और महाराणा प्रताप सहित अन्य के जीवन चरित्र को लेकर किए गए बदलाव का विरोध किया गया था।
सरकार बदलने के साथ ही स्कूलों की किताबों में पाठ्यक्रम बदलने का दौर शुरू हुआ। सबसे पहले आठवीं कक्षा में अंग्रेजी विषय की किताब के पहले अध्याय में अब तक रानी पद्मावती और अन्य महिलाओं के जौहर का चित्र था। उसे सरकार ने हटा दिया। जौहर की जगह अब केवल दुर्ग का चित्र लगाया गया है। भाजपा नेताओं ने इसे सतीत्व का अपमान बताया था। वहीं, सावरकर और महाराणा प्रताप सहित अन्य के जीवन चरित्र को लेकर किए गए बदलाव का विरोध किया गया था।