विश्वस्त सूत्रों की मानें तो हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा के दौरान वहां बूथ मैनेजमेंट कमजोर होने की बात भी सामने आई थी। यही वजह है कि हाईकमान ने बूथ कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के निर्देश दिए। इसके बाद ही समन्वय समितियों ने मंडल, ब्लॉक और बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बूथ कमेटियों के नए सिरे से गठन करने और सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही समितियों में शामिल करने को कहा था।
बड़ी सभाओं से परहेज
पार्टी नेताओं की मानें तो उपचुनाव में कांग्रेस बड़ी सभाओं से परहेज करेगी। नुक्कड़ सभाओं और डोर-टू-डोर संपर्क पर फोकस रहेगा। इसके पीछे पार्टी की मंशा ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच बनाने की है। घर-घर संपर्क के जरिए कार्यकर्ता पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं के लाभार्थियों से भी संवाद करेंगे।
झुंझुनूं और रामगढ़ के लिए अलग रणनीति
हरियाणा राज्य से सटे झुंझुनूं और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी ने अलग से रणनीति तैयार की है। दोनों विधानसभा क्षेत्रों को 18 सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें 14 शहरी और चार ग्रामीण सेक्टर हैं। पार्टी ने यहां ब्लॉक, मंडल, सेक्टर और पंचायत स्तर के पदाधिकारियों को सात दिन के लिए अलग-अलग टास्क दिए हैं। क्षेत्र के मुद्दे, भाजपा-कांग्रेस के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू क्या हैं, जनता दोनों दलों को लेकर क्या सोचती है… इस पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। उसके बाद अगले टास्क दिए जाएंगे।