विश्वस्त सूत्रों की मानें तो हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा के दौरान वहां बूथ मैनेजमेंट कमजोर होने की बात भी सामने आई थी। यही वजह है कि हाईकमान ने बूथ कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के निर्देश दिए। इसके बाद ही समन्वय समितियों ने मंडल, ब्लॉक और बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बूथ कमेटियों के नए सिरे से गठन करने और सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही समितियों में शामिल करने को कहा था।
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बड़ी सभाओं से परहेज
पार्टी नेताओं की मानें तो उपचुनाव में कांग्रेस बड़ी सभाओं से परहेज करेगी। नुक्कड़ सभाओं और डोर-टू-डोर संपर्क पर फोकस रहेगा। इसके पीछे पार्टी की मंशा ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच बनाने की है। घर-घर संपर्क के जरिए कार्यकर्ता पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं के लाभार्थियों से भी संवाद करेंगे। यह भी पढ़ें