आयकर विभाग का कहना है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और एक कंपनी के साथ कांग्रेस पार्टी के लेन-देन की बात सामने आई है, जो कि नियमों का उल्लंघन है। नियमों का उल्लंघन होने पर एक राजनीतिक दल को लोगों का समूह माना जाता है और इस समूह को आयकर देना होता है। कैश में हुए लेन-देन को भी आय का हिस्सा माना जाता है।