प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में किसानों की आत्महत्या के मामले सामने के आने के बाद कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। हाड़ौती में सबसे अधिक किसानों के आत्महत्या का दावा कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पायलट ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। पायलट ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में किसानों की हालत खराब होती जा रही है और सरकार नींद में है। प्रदेश में करीब 75 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, इसमें सबसे अधिक हाड़ौती में है। ऐसे में किसानों को राहत देना आवश्यक है। इसके लिए कांग्रेस किसानों के पूर्ण कर्जमाफी के पक्ष में है। किसान न्याय यात्रा प्रदेश के लिए निर्णायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि हम देश-प्रदेश के सामने सरकार को एक्सपोज कर देंगे। किसानों की आत्महत्या के बावजूद मुख्यमंत्री या उनके मंत्री परिजनों को सांत्वना देने तक नहीं पहुंचे।
सरकार कर रही छलावा पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार पहले ही राज्य सरकार का मामला बताकर किसानों के कर्जमाफी से पल्ला झाड़ चुकी है। गत दिनों सीकर में आंदोलन के बाद सरकार ने सिर्फ कमेटी गठित कर किसानों से छलावा किया। यह आंदोलन सडक़ पर सफल रहा, लेकिन टेबल पर फेल हो गया। वहीं राज्य सरकार किसानों के आंदोलन से घबराकर अपनी जान बचाने के लिए पचास हजार के कर्जे माफ और कमेटी बनाने का नाटक कर रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि हमने किसानों समेत प्रदेश की समस्याओं को सडक़ से लेकर विधानसभा तक में उठाया है। आने वाले मानसूत्र में सरकार को इन्हीं मुद्दों को घेरा जाएगा।
दिसम्बर 2018 में सरकार हो जाएगी भाजपा मुक्त पायलट ने पार्टी में गुटबाजी को सिरे से नकारते हुए कहा कि पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने संकल्प कर रखा है कि दिसम्बर 2018 में प्रदेश सरकार को भाजपा मुक्त करना है। कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एक माला में पिरोये हुए हैं।