इन 2 सीटों पर कांग्रेस की बढ़ी मुसीबतें
प्रदेश की जिन सात सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उनमें से दो सीटें झुंझुनूं और अलवर की रामगढ़ सीट हरियाणा की सीमा के पास है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों सीटों पर हरियाणा चुनाव का असर देखने को मिल सकता है। झुंझुनूं और रामगढ़ सीट पर कांग्रेस के ही विधायक चुन कर आए थे। झुंझुनूं विधायक के सांसद बन जाने से यह सीट रिक्त हुई थी और रामगढ़ विधायक के निधन की वजह से यह सीट पिछले दिनों खाली हुई है। कांग्रेस को अब यहां अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए दोगुनी मेहनत करनी होगी। इसके अलावा भाजपा को दौसा, देवली-उनियारा, सलूंबर, खींवसर और चौरासी सीट पर भी ऊर्जा मिलेगी।सात में से एक सीट भाजपा के पास
जिन सात सीटों पर उप चुनाव प्रस्तावित हैं। उनमें से एक सीट सलूंबर ही विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत पाई थी। इस सीट पर भाजपा के अमृतलाल मीना चुनाव जीते। उनका निधन होने से यह सीट रिक्त हुई है। इसके अलावा छह अन्य सीटों पर कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के विधायक थे। यह भी पढ़ें
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उपचुनाव वाले 7 सीटों पर कांग्रेस की लीड
बताते चलें कि जिन सात सीटों पर उपचुनाव होने है। इनमें से 4 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। बाकी खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल तो चौरासी सीट से बीएपी के राजकुमार रोत ने जीत दर्ज की थी। सलूंबर सीट पर ही भाजपा जीत पाई थी। चौरासी और खींवसर सीट पर कांग्रेस गठबंधन के तहत चुनाव लड़ सकती है। चूंकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरएलपी, बीएपी और सीपीआई के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। अब देखना है कि उपचुनाव में कांग्रेस क्या अपना लीड बरकरार रख पाती है या नहीं? क्योंकि अब प्रदेश में सत्तापक्ष में भाजपा है। हालांकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।