दूसरी तरफ पार्टी महासचिव प्रियंका ने राहुल की जगह मुलाकातों का मोर्चा संभाला। उन्होंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से पूछा कि राजस्थान की सभी 25 सीट हारने की जिम्मेदारी किसकी है? दोनों ने अपनी-अपनी सफाई भी दी, लेकिन वे संतुष्ट नहड्डीं हुईं। प्रियंका ने पूछा कि पंजाब में 3 साल से सत्ता होने के बावजूद पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो राजस्थान में 5 महीनों में ऐसा क्या बदल गया? प्रियंका ने अब दोनों को हार की जिम्मेदारी तय करके आने का निर्देश दिया।
इससे पहले राहुल गांधी ने अलग-अलग पहुंचे गहलोत और पायलट से मिलने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार उन्होंने साफ कर दिया है कि जब टिकट राज्य के बड़े नेताओं की सिफारिश पर दिए गए तो प्रत्याशी की हार का जिम्मा भी बड़े नेताओं को उठाना होगा। राजस्थान में अब तक सीएम, डिप्टी सीएम और प्रदेश प्रभारी में से किसी ने भी हार की जिम्मेदारी नहीं ली है। राहुल नवनिर्वाचित सांसदों से भी नहीं मिले। केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी उनसे नहीं मिल सके।
पहले पायलट पहुंचे फिर गहलोत
सचिन पायलट सुबह करीब 11:15 बजे तुलगक लेन पहुंचे। उनकी 35 मिनट तक प्रियंका से बातचीत हुई। ज्यों ही पायलट 11:50 पर राहुल के घर से निकले जोधपुर हाउस से गहलोत का काफिला चल दिया। वे करीब 12 बजे राहुल के घर पहुंचे। उन्होंने 45 मिनट प्रियंका से बातचीत की।
सिर्फ वायनाड जाने को हुए तैयार
राहुल ने अभी सिर्फ अपने नए लोकसभा क्षेत्र वायनाड के कार्यक्रम पर सहमति दी है। वह इस सप्ताह के अंत या अगले हफ्ते की शुरुआत में वायनाड के मतदाताओं का आभार व्यक्त करने जा सकते हैं।
सिंधिया को राहुल ने दिल्ली में रोका
मप्र कांग्रेस में बदलाव की चर्चा के बीच राहुल ने पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में रोका है। वहीं, हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने को कमलनाथ को विधायकों पर नजर रखने को कहा है। कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर राहुल के इस्तीफे पर अड़े होने की बात से इनकार किया है।
प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कार्यसमिति ने उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया है। बाकी अटकलें हैं। वहीं, वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोईली ने ट्वीट किया कि २014 में जब हर कोई पार्टी छोडऩे को तैयार था तब राहुल ने अकेले दम कांग्रेस को संभाला। उन्हें अध्यक्ष बने रहना चाहिए।