सोनिया ने कांग्रेस की लगातार हार का भी जिक्र किया और कहा कि हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं, लेकिन लोगों की उम्मीदों से भी हम अनजान नहीं है। हम यह प्रण लेने के लिए एकत्रित हुए हैं कि देश की राजनीति को वापस उसी भूमिका में लाएंगे, जिसकी लोगों को जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूरी विनम्रता के साथ हम आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं। हम तय करें कि यहां से निकलें तो नई उर्जा के साथ निकलें। एक बार फिर कांग्रेस से उम्मीद की जा रही है, इसलिए हम साहस और समर्पण का परिचय दें। संगठन के सामने जो परिस्थितियां आई हैं वो असाधारण हैं और इसका असाधारण तरीके से ही मुकाबला करना होगा।
ढांचागत सुधारों की जरूरत
सोनिया ने कहा कि हमें परिवर्तन और सुधारों की जरूरत है। ढांचागत सुधार और रणनीति में बदलाव की जरूरत है। मैं जोर देकर कहना चाहती हूं कि हमारा पुनर्रुत्थान सामूहिक प्रयास से ही हो सकेगा। यह शिविर हमारे सफर में प्रभावशाली कदम होगा।
ढांचागत सुधारों की जरूरत
सोनिया ने कहा कि हमें परिवर्तन और सुधारों की जरूरत है। ढांचागत सुधार और रणनीति में बदलाव की जरूरत है। मैं जोर देकर कहना चाहती हूं कि हमारा पुनर्रुत्थान सामूहिक प्रयास से ही हो सकेगा। यह शिविर हमारे सफर में प्रभावशाली कदम होगा।
मोदी सरकार की नीतियों पर हमला सोनिया ने मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों की वजह से देश कई समस्याओं से जूझ रहा है। इस वजह से कांग्रेस के सामने कई टास्क है। मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को टारगेट बना रही है। मोदी सरकार नोटबंदी लाई, जिससे भारत की इकोनॉमी ध्वस्त हो गई। गैस, खाने के तेज, दालों के साथ पेट्रोल—डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इससे जनता पर बेवजह का बोझ डाला जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। यही नहीं भाजपा ने देश के माहौल को भी बिगाड़ दिया है।