हालांकि, राजस्थान से अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), सचिन पायलट (Sachin Pilo) और यहां तक कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) जैसे नेताओं को भी समिति में शामिल नहीं किया गया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि आलाकमान ने पार्टी नेताओं को एक संदेश देने का प्रयास किया है, और यह प्रतिबिंबित करने की कोशिश की है कि चुनाव पारदर्शी तरीके से होंगे और किसी भी खेमे के लिए कोई पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं होगा।
राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) दो गुटों में बंटी हुई है, एक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और दूसरे पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का कब्जा है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि इसलिए, पार्टी ने यह संदेश देने के लिए किसी भी नेता को शामिल नहीं किया है कि चुनाव किसी चेहरे पर नहीं लड़ा जाएगा और टिकट वितरण केंद्रीय नेतृत्व के माध्यम से किया जाएगा और स्थानीय नेताओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।
-आईएएनएस