जयपुर

बुजुर्गों का दम फुला रहा फुलेरा जंक्शन, स्वचलित सीढिय़ों की दरकार

वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग एवं प्रसूताओं का ओवरब्रिज से जाना बनी मजबूरी।

जयपुरDec 22, 2017 / 07:19 pm

Teekam saini

फुलेरा (जयपुर). रेल मंत्रालय देशभर के रेलवे स्टेशनों की दशा सुधारने व बेहतर रेल सेवा देने के दावे करत है, लेकिन वास्तविकता में मंत्रालय के ये दावे विश्वसनीय नही है। सैकड़ों छोटे जंक्शन व रेल स्टेशनों पर पर्याप्त सुविधाएं तक नहीं है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही स्थिति अग्रेजों के शासन में बने फुलेरा जंक्शन की है जहां यात्रियों को सुविधा कम असुविधा ज्यादा मिलती है। यहां वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग एवं प्रसूताओं का ओवरब्रिज से प्लेटफार्म तक पहुंचना मजबूरी बना हुआ है। ऐसे में कई बुजुर्गों का तो दम फूलने लगता है। जबकि एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ी) लगाया जाए तो वरिष्ठजनों, दिव्यांगों को सुविधा मिल सकती है। जानकारी अनुसार यहां स्टेशन पर न तो प्रवेश द्वार है और ना ही प्लेट फार्म नं. एक पर यात्री गाडिय़ों का ठहराव होता है। यहां स्टेशन के उत्तर में मुख्य बाजार में प्रवेशद्वार बना हुआ है। इससे कई बार दूसरी ओर से आने वाले यात्रियों की गाड़ी तक छूट जाती है। अब दक्षिण में दूसरा प्रवेश द्वार बनवाने की मांग की जा रही है, जहां से ही दर्जन भर गांव-ढाणियों का रास्ता है। द्वार का निर्माण हो जाता है तो यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा। इसके अभाव में कई बार यात्री दौड़कर चार अथवा पांच नं प्लेटफार्म पर पहुंचता है तब तक गाड़ी निकल जाती है।
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डिसप्ले बोर्ड का भी अभाव
फुलेरा रेलवे स्टेशन को पूर्व में आदर्श रेलवे स्टेशन घोषित कर अपगे्रड भी किया गया, किन्तु यहां प्रतिदिन ओवर ब्रिज से चढ़कर स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को बमुश्किल स्टेशन पहुंचना मजबूरी बनी हुई है। स्वचलित सीढिय़ों के अभाव में मजबूरन उम्रदराज लोगों अथवा महिलाओं को पटरियां पार कर स्टेशन पर आना-जाना पड़ता है। कई बार अभियान के दौरान लोगों को रेल सुरक्षा बल के सुरक्षा कर्मियों से भी हाथा-जोड़ी करनी पड़ जाती है। वहीं यहां स्टेशन पर डिसप्ले बोर्ड के अभाव में यात्री को इधर-उधर घूमना पड़ता है।
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प्लेटफार्म एक हो विकसित
यहां से सैंकड़ों पासधारी जयपुर , अजमेर , किशनगढ़, मकराना, कुचामन दैनिक आवागमन करते हैं। उन्हें यदि अजमेर की ओर यात्रा करनी हो तो प्लेट फार्म चार या पांच पर काफी ऊंची पुलिया से होकर पहुंचना होता है। कई बार गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग यात्री आसानी से वहां तक पहुंच ही नहीं पाते और उनकी सांस फूलने लगती है। स्थानीय लोगों की मांग है कि प्लेट फार्म एक को विकसित किया जाए। जोधपुर , मकराना, रींगस, रेवाड़ी की ओर आने वाली यात्री गाडिय़ों तथा जयपुर-फुलेरा प्रात: कालीन शटल रात्रि कालीन बयाना-फुलेरा पैसेन्जर ट्रेन को प्लेट फाम एक पर ही लाया जाए, किन्तु स्थिति यथावत है।

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