गौरतलब है कि पिछले साल विद्युत कंपनियों ने बिजली बनाने के लिए निर्धारित दर से ज्यादा पर कोयला व अन्य फ्यूल खरीदा था। इस बढ़े हुई दर के फ्यूल में आए खर्च को लेकर बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग में याचिका दायर की थी। आयोग के आदेश पर अब कंपनियों ने आम उपभोक्ता सेे इसकी वसूली शुरू की है। इसका परिणाम है कि गत वर्ष के मुकाबले फ्यूल सरचार्ज में 7 से 15 गुना तक वृद्धि हो गई है। इसका सबसे ज्यादा असर व्यावसायिक बिलों पर हो रहा है। सर्वाधिक बिल जमा कराने वाले व्यापारी को कई गुना फ्यूल सरचार्ज देना पड़ रहा है।
व्यापारी कर रहे विरोध
बिजली कंपनियों की ओेर से की जा रही फ्यूल सरचार्ज की वसूली का व्यापारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार 100 यूनिट फ्री की घोषणा करती है तो दूसरी और उसका सारा पैसा व्यापारियों से वसूल रही है। उनका मानना है कि फ्यूल की खरीदारी पर अतिरिक्त चार्ज के लिए बिजली कंपनियां जिम्मेदार है, ना कि राज्य के व्यापारी और आमजन।
व्यापारी कर रहे विरोध
बिजली कंपनियों की ओेर से की जा रही फ्यूल सरचार्ज की वसूली का व्यापारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार 100 यूनिट फ्री की घोषणा करती है तो दूसरी और उसका सारा पैसा व्यापारियों से वसूल रही है। उनका मानना है कि फ्यूल की खरीदारी पर अतिरिक्त चार्ज के लिए बिजली कंपनियां जिम्मेदार है, ना कि राज्य के व्यापारी और आमजन।
व्यापार मंडलों को करेंगे एकजुट
जयपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ ललित सिंह सांचौरा ने कहा कि फ्यूल सरचार्ज के विरोध में जयपुर व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल पूरे जयपुर के व्यापार मंडलों में व्यापारियों से मिलेगा और बैठक आयोजित करेगा। साथ ही राज्य सरकार से भरे गए फ्यूल सरचार्ज को वापस करनेे की मांग भी करेंगा। इस कड़ी में बुधवार से विभिन्न व्यापार मंडलो में बैठक आयोजित की जाएगी। पैदल मार्च आयोजित कर आम व्यापारियों से मिला जाएगा और व्यापारी अपना पक्ष रखेंगे। अभियान के जरिए सभी व्यापारियों को जागृत किया जाएगा। साथ ही विभिन्न विकास समितियों से मिलकर सामूहिक रूप से इसका विरोध भी किया जाएगा।
जयपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ ललित सिंह सांचौरा ने कहा कि फ्यूल सरचार्ज के विरोध में जयपुर व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल पूरे जयपुर के व्यापार मंडलों में व्यापारियों से मिलेगा और बैठक आयोजित करेगा। साथ ही राज्य सरकार से भरे गए फ्यूल सरचार्ज को वापस करनेे की मांग भी करेंगा। इस कड़ी में बुधवार से विभिन्न व्यापार मंडलो में बैठक आयोजित की जाएगी। पैदल मार्च आयोजित कर आम व्यापारियों से मिला जाएगा और व्यापारी अपना पक्ष रखेंगे। अभियान के जरिए सभी व्यापारियों को जागृत किया जाएगा। साथ ही विभिन्न विकास समितियों से मिलकर सामूहिक रूप से इसका विरोध भी किया जाएगा।