हमें बिजली मिले तो 5 बड़े फायदे…
1- कोयला स्टॉक की समस्या खत्म हो- बिजलीघरों में न्यूनतम 21 दिन का कोयला होना जरूरी है, लेकिन अभी 9 दिन का ही कोयला है। संकट के दौरान तो 2 से 3 दिन का ही रह गया था।
2- महंगा कोयला नहीं खरीदना पड़े- कोयला संकट की आड़ में विदेशों से महंगा कोयला खरीदा जा रहा है। अब तक दो बार में करीब 1500 करोड़ रुपए का कोयला मंगवाया।
3- बिजली कटौती की नौबत कम आएगी- बिजली की डिमांड बढ़ने पर 1500 से 2500 मेगावाट तक बिजली की कमी रहती है। इसकी पूर्ति के लिए या तो बाजार से बिजली खरीदते हैं या फिर विद्युत कटौती की जाती रही है।
4- महंगी बिजली खरीद की जरूरत कम होगी- अभी एक्सचेंज से 10 रुपए यूनिट तक महंगी बिजली खरीदते रहे हैं।
5- फ्यूल सरचार्ज का बोझ से छुटकारा- महंगा कोयला खरीद, परिवहन लागत बढ़ने की आड़ में फ्यूल सरचार्ज वसूल रहे हैं। इसकी स्थिति कम बनेगी।
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दो हजार मेगावाट का है सोलर पार्क
– 2 हजार मेगावाट क्षमता का होगा सोलर पार्क
– 810 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा रहा राज्य विद्युत उत्पादन निगम
– 1190 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट कोल इंडिया विकसित करेगी
– 4846 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है प्रदेश सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में
– 2 साल में तैयार होगा सोलर पार्क
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, आज 10 जिलों में होगी भारी बारिश
74 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों में सप्लाई…
– राज्य सरकार सोलर प्लांट के लिए निजी व सरकारी कंपनियों को प्रदेश की जमीन काे लीज पर तो दे रही है, लेकिन यहां से उत्पादित सस्ती बिजली लेने का कोई ठोस प्लान ही नहीं।
– प्रदेश में 17500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क हैं, लेकिन प्रदेश को केवल 4500 मेगावाट ही बिजली मिल रही।
– सोलर पार्क लगाने वाली कंपनियों से अनुबंध में अपने लिए बिजली लेने की बंदिश ही नहीं।