सरकारी लेटरपैड पर थाने में सीएलजी सदस्य नियुक्त करने की सूची जारी करने के मामले में यह परिवाद दायर किया गया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के अंतर्गत परिवादी को लोक सेवक के खिलाफ सीधे परिवाद पेश करने का अधिकार नहीं है, बीएनएसएस के अंतर्गत सम्बंधित लोक सेवक के खिलाफ उसका वरिष्ठ अधिकारी ही परिवाद दायर कर सकता है। इस पर परिवादी ने अपना परिवाद वापस लेने की अनुमति मांगी थी। जिस पर महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 ने उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ दायर परिवाद वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया।
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