परियोजना के सफल क्रियान्वयन से पूर्वी राजस्थान में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। यह कदम स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएगा।
पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र अपनी अनूठी वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों के कारण न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है। खासकर डीग के जलमहल, भरतपुर के किले और कुम्हेर के ऐतिहासिक स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्रों के रूप में उभारने की पूरी संभावना है।इस योजना के अंतर्गत न केवल पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, बल्कि क्षेत्रीय परिवहन, साफ-सफाई और सुरक्षा जैसे बुनियादी ढांचे को भी सुदृढ़ किया जाएगा। यह प्रयास पूर्वी राजस्थान के पर्यटन परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।