पश्चिमी देशों में भी टिड्डी नियंत्रण के गंभीर प्रयास हों सीएम ने पत्र में लिखा कि पाकिस्तान की सीमा से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जालोर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ आदि जिलों में टिड्डी दलों का आगमन लगातार जारी है। राज्य सरकार जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन से लगातार संपर्क रखते हुए टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय कर रही है। लेकिन फसलों पर मंडराते हुए खतरे को तभी कम किया जा सकता है, जब पाकिस्तान तथा उसके निकटवर्ती अन्य पश्चिमी देशों में भी टिड्डी नियंत्रण के गंभीर प्रयास किए जाएं।
केन्द्रीय कृषि मंत्री को भी पत्र लिखा था… ( locust warning organisation )
गहलोत ने कहा कि टिड्डी चेतावनी संंगठन भारत सरकार के अधीन होने के मद्देनजर राज्य को टिड्डियों के प्रकोप से निपटने के लिए उन्होंने 18 सितम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री को भी पत्र लिखा था। जिसमें प्रदेश को अतिरिक्त मानवीय भौतिक एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टिड्डी नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उनके सर्वेक्षण एवं नियंत्रण के लिए 37 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं और किसानों को कीटनाशकों पर 50 प्रतिशत अनुदान के लिए वित्तीय प्रावधान किया गया है।
‘ऐसा प्रकोप 26 साल बाद देखा गया’ ( locust active in Rajasthan ) मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस साल मई माह से टिड्डी दलों का आना प्रारम्भ हुआ। अमूमन अक्टूबर माह में इनकी सक्रियता कम हो जाती है लेकिन इस बार उनका प्रकोप अभी भी बना हुआ है। टिड्डियों का ऐसा प्रकोप 26 साल बाद देखा गया है। इनसे किसानों की फसलों तथा अन्य वनस्पति को नुकसान का खतरा बना हुआ है।