जयपुर

सीएम गहलोत के बयान ने चढ़ाया राजस्थान का सियासी पारा, पायलट कैंप ने साध रखी है चुप्पी

-शनिवार को सीकर दौरे पर गए गहलोत ने सरकार गिराने की साजिशों में सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह के मिले होने का आरोप लगाया था,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी कई तरह की चर्चाएं,सीएम गहलोत ने पहली बात प्रत्यक्ष रूप से लिया सचिन पायलट का नाम,पायलट कैंप के विधायकों को बयानबाजी नहीं करने की सलाह,

जयपुरJun 27, 2022 / 10:41 am

firoz shaifi

ashok gehlot

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैंप और सचिन पायलट कैंप के बीच लंबे समय से चल रही अदावत जगजाहिर है। दोनों ही खेमों के नेता पूर्व में कई मौकों पर एक-दूसरे खिलाफ बयानबाजी करते आए हैं, लेकिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सरकार गिराने की साजिशों में सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मिले होने का बयान देने के बाद एक बार फिर से राजस्थान का सियासी पारा गरम हो गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले भी कई बार राजस्थान में सरकार गिराने की साजिशों के आरोप बीजेपी और अन्य नेताओं पर लगाते आ रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधे तौर पर सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह शेखावत के मिले होने का आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान ऐसे समय में आयाा है जब प्रदेश में सवा साल के बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस थिंक टैंक से जुड़े नेता एकजुटता की बात करते हुए करते हुए फिर से सत्ता में वापसी के दावे कर रहे हैं।

सचिन पायलट कैंप के विधायकों ने साध रखी है चुप्पी
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सरकार गिराने की साजिशों में सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह शेखावत के मिले होने का आरोप लगाने के बात माना जा रहा था कि सचिन पायलट कैंप की ओर से मुख्यमंत्री गहलोत के बयान पर पलटवार किया जाएगा लेकिन 2 दिन बीतने के बावजूद भी सचिन पायलट कैंप के किसी भी विधायक का इस पर कोई बयान नहीं आया है। सचिन पायलट कैंप ने पूरी तरह से इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। सूत्रों की माने तो पायलट कैंप से जुड़े विधायकों और नेताओं को इस मामले में कोई भी बयान नहीं देने की सलाह दी गई है।

जुलाई में बड़े उलटफेर के संकेत
कांग्रेस गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो आगामी जुलाई महीने में राजस्थान की सियासत में कई बड़े उलटफेर होने के संकेत हैं। हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान से भी इस तरह के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि मैं और सचिन पायलट पेशेंस रखे हुए हैं।

चर्चा यह भी है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से सचिन पायलट को जुलाई माह की डेडलाइन दी गई थी, जिसमें उन्हें सत्ता या संगठन में कोई बड़ा पद दिए जाने का आश्वासन भी दिया गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान को उससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।

धारीवाल ने भी मिलाए गहलोत के सुर में सुर
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी सीएम गहलोत के बयान का समर्थन करते हुए उनके सुर में सुर मिलाया है। धारीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत ने सरकार गिराने को लेकर जो बयान दिया है वह सही है, सबको पता है कि सरकार गिराने की साजिशों में कौन लोग शामिल थे।


सीकर में यह कहा था मुख्यमंत्री ने
इससे पहले शनिवार को सीकर के लक्ष्मणगढ़ के कोठ्यारी गांव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि सचिन पायलट से चूक हुई है, नहीं तो परिणाम कुछ और होता है। इससे प्रूफ होता है कि गजेंद्र सिंह शेखावत सरकार गिराने की साजिशों में सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे।

जवाब देने से बचते नजर आए डोटासरा
इधर रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट पर दिए गए बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए। डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट है और साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी। बहरहाल भले ही सचिन पायलट कैंप की ओर से इस मामले पर चुप्पी साधी गई हो, लेकिन ये साफ है कि सचिन पायलट कैंप और गहलोत कैंप के नेताओं के बीच दूरियां कम नहीं होने वाली है।

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