इस योजना के सकारात्मक परिणामों के मद्देनजर बजट 2021-22 में योजना के विस्तार तथा नशे की लत के खिलाफ राज्यव्यापी जन जागरुकता अभियान की घोषणा की गई थी। वहीं इसी के चलते पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा की याद में नशे की लत के खिलाफ व्यापक जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
प्रस्ताव के मुताबिक नशे की लत से ग्रसित व्यक्तियों और परिवारों के चिन्हिकरण और पुनर्वास के लिए नवजीवन योजना के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के लिए 22.60 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे। इसके तहत लक्षित समूह के 5 हजार व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिस पर कुल 11.2 करोड़ रूपए खर्च होंगे। आधारभूत संरचना के लिए 10 करोड़ रूपए खर्च करने का बजट प्रावधान है।
इस योजना के तहत संबंधित परिवारों के स्कूली बच्चों के लिए 2 हजार साइकिलों के वितरण के लिए 70 लाख रूपए, लक्षित व्यक्तियों, परिवारों के सर्वे के लिए 60 लाख रूपए तथा 500 विद्यार्थियों को छात्रावास के लिए 10 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, नशे से ग्रसित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट योजना, महात्मा गांधी नरेगा और राजीविका योजना के तहत ऋण अनुदान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस पुनर्भरण से लाभान्वित किया जाएगा।
पंचायत स्तर पर भी होंगी गतिविधियां
नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ गुरूशरण छाबड़ा जनजागरूकता अभियान के तहत पंचायत स्तर तक विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिन पर 3.14 करोड़ रूपए खर्च होंगे। लक्षित समूह की बस्तियों में जागरूकता शिविरों के आयोजन पर 1.64 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। अभियान के तहत जिला स्तर पर नशा मुक्ति के लिए प्रचार-प्रसार के लिए 50 लाख रूपए का बजट प्रस्तावित है।