मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि केन्द्र सरकार को अविलंब राज्यों से समन्वय कर इन कीमतों पर नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
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उन्होंने देशभर के खुदरा बाजारों में आटे और गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक आटे और गेहूं की कीमतें लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। यह राष्ट्रव्यापी संकट की स्थिति चिंताजनक है।
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गेहूं और इसके आटे की कीमतों में आई जबरदस्त तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं और गेहूं का आटा खुले बाजार (ओपन मार्केट) में बेचेगी। आटे की औसत कीमतें बढ़कर करीब 38 रुपए प्रति किलो और गेहूं की कीमतें 31-32 रुपए किलो पहुंच गई है।
वहीं थोक मंडियों में गेहूं 2900 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। यानी गेहूं अपने न्यूमतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 50% ऊपर बिक रहा है। खाद्य मंत्रालय मुक्त बाजार बिक्री योजना के तहत लोगों के अलावा आटा मिलों और व्यापारियों को गेहूं बेचेगी।