इस अनुभव को याद करते हुए भजनलाल शर्मा ने लिखा, “यह अविस्मरणीय तस्वीर उस ऐतिहासिक क्षण की साक्षी है, जब वर्ष 2000 में पैतृक गांव अटारी का सरपंच निर्वाचित हुआ था।
सीएम भजनलाल ने आगे लिखा, “आज राजस्थान के मुख्यमंत्री के गरिमामय दायित्व का निर्वहन करते हुए, वह प्रेरणादायक क्षण मेरे मानस-पटल पर सदैव अंकित है। यह मेरी राजनीतिक यात्रा का वह महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने जन-सेवा के प्रति मेरे संकल्प को और भी सुदृढ़ किया।”
सीएम भजनलाल ने आगे लिखा, “आज राजस्थान के मुख्यमंत्री के गरिमामय दायित्व का निर्वहन करते हुए, वह प्रेरणादायक क्षण मेरे मानस-पटल पर सदैव अंकित है। यह मेरी राजनीतिक यात्रा का वह महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने जन-सेवा के प्रति मेरे संकल्प को और भी सुदृढ़ किया।”
उन्होंने लिखा, “प्रदेश सरकार का एक वर्षीय कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में यह स्मृति जन-कल्याण के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा को और सशक्त करती है और मेरे संकल्प को सदैव नवीन ऊर्जा से परिपूर्ण करती है। “मुख्यमंत्री ने बताया कि यह तस्वीर उन्हें उनके शुरुआती संघर्षों और संकल्प की याद दिलाती है।
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सीएम भजनलाल शर्मा ने इस तस्वीर को लोकतंत्र की ताकत का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि गांव के हर व्यक्ति की भागीदारी, उनका समर्थन और विश्वास ही उन्हें आगे बढऩे की ताकत देता है। यह तस्वीर यह दर्शाती है कि कैसे गांव से शुरू हुई उनकी यात्रा उन्हें राज्य के सर्वोच्च पद तक ले आई। यह भी पढ़ें
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जनसेवा का संकल्पमुख्यमंत्री ने इस पोस्ट के जरिए अपने प्रदेशवासियों के प्रति अपने दायित्व को और मजबूती से जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि उनका संकल्प जनता की सेवा के लिए हमेशा दृढ़ रहेगा। यह तस्वीर उनके लिए न केवल यादगार है, बल्कि एक नई ऊर्जा का स्रोत भी है।