जयपुर

Rajasthan: 9 जिले रद्द होने के बाद सीएम भजनलाल के सामने कई विधायकों का फूट पड़ा गुस्सा तो पलट कर आया ये जवाब

Rajasthan Govt: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट में अपने क्षेत्र की पांच-पांच प्रमुख जरूरतों को बताने को कहा। कुछ विधायकों ने बैठक में ही पांच-पांच मांगें बता दी, जबकि कुछ ने एक-दो दिन का समय मांगा।

जयपुरDec 30, 2024 / 09:10 am

Anil Prajapat

जयपुर। राजस्थान के 9 जिले और 3 संभाग रद्द होने के बाद कई विधायकों का सीएम भजनलाल शर्मा के सामने गुस्सा फूट पड़ा। ​विधायकों ने सीएम को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि मंत्री उनकी सुनवाई नहीं कर रहे है। जिस पर सीएम भजनलाल ने मंत्रियों को हिदायत दे डाली।
दरअसल, भाजपा व समर्थित विधायकों के साथ चर्चा का सिलसिला जारी रखते हुए रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने सरकारी आवास पर जोधपुर, उदयपुर और भरतपुर संभाग के विधायकों से चर्चा की। इस दौरान इन संभागों में आने वाले मंत्री भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बजट में अपने क्षेत्र की पांच-पांच प्रमुख जरूरतों को बताने को कहा। साथ ही हिदायत भी दी कि विधायक कार्यकर्ताओं से और मंत्री विधायकों से लगातार संवाद करते रहें और उनकी मांगों पर समुचित कार्रवाई करें।
कुछ विधायकों ने बैठक में ही पांच-पांच मांगें बता दी, जबकि कुछ ने एक-दो दिन का समय मांगा। जोधपुर जिले के विधायकों ने ग्रामीण जिला खत्म करने के सीएम के निर्णय को सही ठहराया। इन विधायकों ने राजीव गांधी लिट कैनाल के तीसरे चरण का काम जल्द पूरा करने की मांग भी उठाई। विधायकों ने बैठक में सड़क, स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने की मांग भी रखी।
मुख्यमंत्री शर्मा ने विधायकों से कहा कि वे विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ निरन्तर बैठक कर विकास कार्यों की प्रगति का फीडबैक भी लेवें। घोषणाओं को धरातल पर उतारना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

विधायक बोले, नहीं सुन रहे अफसर

भरतपुर संभाग की बैठक में कुछ विधायकों ने कहा कि अफसर उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। विधायकों ने नाराजगी भी जाहिर की। विधायकों ने विकास कार्य में तेजी लाने की जरूरत भी बताई।
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धरातल पर उतरें समिट के एमओयू

सीएम ने विधायकों से कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हुए एमओयू को अपने क्षेत्र में धरातल पर उतारने के लिए जिला कलक्टर के साथ निरन्तर बैठक करें।
प्रत्येक जिले में पंच गौरव कार्यक्रम के तहत एक जिला-एक उपज, एक जिला-एक प्रजाति, एक जिला-एक उत्पाद, एक जिला-एक पर्यटन स्थल और एक जिला-एक खेल की नियमित मॉनिटरिंग कर इन्हें बढ़ावा देवें।

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