जयपुर

Climate impact: राजस्थान में प्री-मानसून बारिश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, औसत से तीन गुना अधिक

जयपुर। जलवायु परिवर्तन (Climate impact) का प्रभाव विशेष रूप से राजस्थान में दिखाई दे रहा है। जहां राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है। मार्च-मई के प्री-मानसून सीजन (pre-monsoon season in rajasthan) में आमतौर पर 23.2 मिलीमीटर बारिश होती है।

जयपुरJun 02, 2023 / 05:49 pm

Manoj Kumar

जलवायु परिवर्तन (Climate impact) का प्रभाव विशेष रूप से राजस्थान में दिखाई दे रहा है। जहां राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है।

मई में 458% अधिक बारिश; बीकानेर में एक दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
जलवायु परिवर्तन (Climate impact) का प्रभाव विशेष रूप से राजस्थान में दिखाई दे रहा है। जहां राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में औसत से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है। मार्च-मई के प्री-मानसून सीजन (pre-monsoon season in rajasthan)में आमतौर पर 23.2 मिलीमीटर बारिश होती है। इस साल यह औसत से 312 फीसदी ज्यादा हुई है ।
यह भी पढ़ें

यह भी पढ़े-RBSE 10वीं रिजल्ट 2023 लाइव : BSER राजस्थान बोर्ड 10वी का रिजल्ट जारी , यहां देखें Direct Link

राजस्थान में प्री-मानसून काल (pre-monsoon season in rajasthan) में वार्षिक वर्षा का लगभग 4.8 प्रतिशत प्री-मानसून काल में दर्ज किया जाता है। इस साल राज्य में 1 मार्च, 2023 से 31 मई, 2023 तक 95.5 मिमी बारिश हुई।
पूरे महीने में 62.4 मिमी बारिश के साथ मई में बारिश ने 105 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह सामान्य से 458 प्रतिशत अधिक है। राज्य के पश्चिमी भाग में रेगिस्तानी क्षेत्रों में अधिकतम वर्षा होती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय केंद्र ने कहा कि मई 1917 में राजस्थान में 71.9 मिमी बारिश हुई थी। 1970-2020 के लिए दीर्घावधि औसत (एलपीए) से पता चलता है कि राज्य में आमतौर पर मई में 13.6 मिमी बारिश हुई।
यह भी पढ़ें

खाचरियावास ने भाजपा को दी खुली चुनौती, कह दी इतनी बड़ी बात उड़ जाएंगे मोदी के होश

इस वर्ष पूर्वी राजस्थान की तुलना में पश्चिम राजस्थान में अधिक बारिश हुई है। जिसमें एलपीए से 481 प्रतिशत और एलपीए से 428 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। पश्चिमी राजस्थान का अधिकांश भाग सूखे के एक लंबे इतिहास वाला मरुस्थल रहा है।
राज्य के मौसम विभाग ने कहा कि राज्य के सभी 33 जिलों में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हुई है, यानी 60 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है। हालांकि, बीकानेर शहर ने 29 मई, 2023 को 72.8 मिमी बारिश के साथ सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। इससे पहले, 29 मई, 2023 को 63.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान में क्रमशः 320 प्रतिशत और 308 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। बूंदी जिले में सबसे अधिक 542 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। इसके बाद डूंगरपुर जिले में 505 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई।
यह भी पढ़ें

4 जून से फिर होगी ताबड़तोड़ बारिश , इन शहरों में तेज अंधड़ के साथ होगी ओलावृष्टि

2022 में राजस्थान में प्री-मानसून सीजन में 8 मिमी बारिश हुई जो औसत से 65.7 फीसदी कम है। मई 2022 में 5.7 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से करीब 58.1 फीसदी कम है।

कभी अपने शुष्क मौसम के लिए जाने वाले राज्य में अब खूब अनियमित वर्षा हो रही है, जिसके कारण कई बार बाढ़ भी आ गई है।
यह भी पढ़ें

बच्चियों पर हत्याचार करने वालों को मिले फांसी की सजा : प्रताप सिंह खाचरियावास

2017 में, भारी बारिश के बाद बाढ़ के कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ क्योंकि राजस्थान के लोग सूखे से निपटना जानते हैं लेकिन बाढ़ के लिए तैयार नहीं हैं। यहां तक कि राज्य की आपदा प्रबंधन योजना में भी बाढ़ शामिल नहीं थी।
राज्य में बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि ही हुई है। 2019 के मानसून में 141 फीसदी अधिक बारिश हुई थी। 2021 के मानसून सीजन में राजस्थान में 117 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी। सितंबर 2021 में औसत से 176 फीसदी अधिक बारिश हुई।

Hindi News / Jaipur / Climate impact: राजस्थान में प्री-मानसून बारिश ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, औसत से तीन गुना अधिक

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.