एक दूसरे को दी जा रही बधाई
शहर के चांदपोल स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च में सामूहिक प्रार्थना सभा में शहरभर से ईसाई समाजबंधु जुटे। यहां सामूहिक प्रार्थना के बाद एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते नजर आए। वहीं घाटगेट स्थित सेक्रेट हार्ट चर्च, सी स्कीम स्थित सेंट जेवियर चर्च, मालवीय नगर, मानसरोवर, बगराना के माउंट कार्मल कान्वेंट स्कूल स्थित चर्च में भी सुबह सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसाई समाजबंधु स्तुतिगान के साथ क्रिसमस के विशेष कैरल्स गीत गा रहे हैं। इस बीच एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं देने की भी होड सी मची हुई है। मोमबत्तियां जलाकर एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी जा रह है, केक काटे जा रहे हैं।
मनुष्य के प्रति ईश्वर का प्रेम ही क्रिसमस
सामूहिक प्रार्थना सभा में फादर, पास्टर और पादरी ने कहा कि प्रभु यीशु ने मनुष्य बनकर प्रेम, उदारता, करुणा का संदेश दिया। मनुष्य के प्रति ईश्वर का प्रेम ही क्रिसमस है। क्रिसमस पर ईश्वर का प्रेम, उनकी उदारता और करुणा का मनुष्य अनुभव करता है। उधर, सांता के स्वरूप बच्चों को चॉकलेट, टॉफी के साथ ही उपहार देते नजर आ रहे है। चर्च और गिरजाघरों में विशेष सजावट की गई है।
घर-घर बने विशेष व्यंजन
क्रिसमस के त्योहार हो लेकर घरों में विशेष तरह के व्यंजन बनाए गए है। इसाई समाजबंधु इन व्यंजनों को घर-घर बांट रहे है। सुबह से ही एक-दूसरे के घर जाकर क्रिसमस की बधाई देने का सिलसिला जारी है।
मिडनाइट आराधना में सजी यीशु की जन्म झांकी
इससे एक दिन पहले मंगलवार को मिडनाइट आराधना हुई। मध्यरात्रि को प्रभु यीशु के देहधारण की प्रार्थना हुई। मध्यरात्रि में यीशु का अवतरण हुआ। प्रभु के जन्म से जुड़ी झांकियां सजाई गई है। प्रार्थना के बाद प्रभु यीशु के प्रतीक को गिरजाघर के बाहर चरनी में रखा गया। इसमें चरवाहे भेड़-बकरियां दर्शाया गया। मिडनाइट आराधना के तहत मोमबत्तियां भी जलाई गई। लोगों ने एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी। प्रभु के जन्म की खुशियों से जुड़े गीत कैरल्स गाए गए।