जोन बनाने के लिए इन विकल्पों पर हाे सकता है काम
- शहरों में नए विकसित होने वाले इलाकों में जोन तय कर सकते हैं। ऐसे इलाके घनी आबादी क्षेत्र की नजदीक हों, ताकि वहां जरूरत के आधार पर सीवर, पेयजल लाइन आसानी से बिछाई जा सके। खुला एरिया छोड़ने का विकल्प भी अधिक हो।
- इन इलाकों की उन योजनाओं में अनुमति दी जा सकती है, जहां मुख्य सड़क की चौड़ाई कम से कम 80 फीट हो। इससे वहां तक सुविधाएं आसानी से पहुंचाई जा सके।
- ऐसी मौजूदा योजना या इलाके, जहां आधारभूत सुविधाएं अधिक आबादी या भविष्य की जरूरत के आधार पर विकसित की गई हों। ऐसी जगह सुविधाओं का अपग्रेडेशन भी आसानी से हो सकता हो।
- ऐसे इलाके भी चिन्हित हो, जहां मूल भूखंड (बिना पुनर्गठन) का क्षेत्रफल 750 वर्गमीटर व इससे अधिक हो। पुनर्गठित भूखंड का क्षेत्रफल 1500 वर्गमीटर से अधिक हो। लेकिन इन इलाकों में ऐसे भूखंडों की संख्या अधिक हो, तभी मल्टीस्टोरी डवलपमेंट हो पाएगा।
- राजस्थान आवासन मण्डल की योजनाओं में बड़ी जमीनों पर समान ऊंचाई की मल्टीस्टोरी बनाई जा सकती है। इसे भी एक जोन की तरह डवलप किया जा सकता है।
- जहां घनी आबादी है और सुविधाएं कम, वहां कम ऊंचाई के इमारत की अनुमति।
(बिल्डिंग बायलॉज में भी जोन तय करने के लिए इस तरह के प्रावधान सुझाए गए हैं)
यहां निभा रहे जिम्मेदारी…
- न्यूयॉर्क के मैनहेटेन इलाका बहुमंजिला इमारतों के रिजर्व है, जबकि न्यूजर्सी में ऐसी इमारतें नहीं बना सकते। यहां उपनगरों को बहुमंजिला इमारतों से मुक्त रखा गया है। जबकि, नए इलाकों में इमारत निर्माण के लिए अलग से जोन बनाए गए हैं।
- हरियाणा के गुरुग्राम की तर्ज पर अलग से योजना डवलप की जा सकती है। इसी तर्ज पर एक अन्य शहर के पास इलाके को भी डवलप करने की प्लानिंग चल रही है।
- हाईकोर्ट की मंशा के अनुरूप जोन निर्धारित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर और बिल्डिंग बायलॉज के मापदंडों की पूर्ति हो। ऐसी जगह आबादी भी कंट्रोल की जाए, ताकि पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े। नए इलाकों पर फोकस किया जाना चाहिए, ताकि वहां समय रहते सुविधाएं पहुंचाकर सुनियोजित मल्टीस्टोरी डवलपमेंट को बढ़ाया जा सके। – एच.एस. संचेती, पूर्व मुख्य नगर नियोजक, राजस्थान
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