विधानसभा में सोमवार को चूरू के सरदारशहर क्षेत्र में पिछले दिनों पुलिस हिरासत में युवक की मौत और उसकी भाभी से गैंगरेप मामले में सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने वक्तव्य दिया। वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार के बयान से असंतोष जताया और कहा कि थाने में एक ओर युवक से मारपीट की गई, दूसरी ओर उसकी भाभी के साथ बलात्कार किया गया। आरोपी पुलिसकर्मियों को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। इस मामले की सीबीआई जांच के साथ उचित मुआवजा देने की मांग की।
इस पर सरदारशहर से विधायक भंवरलाल शर्मा ( Sardarshahar MLA Bhanwar Lal Sharma ) ने कहा कि जिस युवक की पुलिस हिरासत में मौत हुई, वह छोटी-मोटी चोरी करता था। चोरी के बाद ग्रामीणों ने उससे मारपीट की, जिससे उसके 52 चोट आई। जबकि महिला से बलात्कार की बात गलत है।
डीजीपी तक क्यों पहुंचना पड़ा-कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ( Gulab Chand Kataria ) ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस ने जानबूझकर मामले को दबाने के लिए पीडि़त परिवार को इधर-उधर घुमाया। उसके परिवार को 13 जुलाई को क्यों डीजीपी के पास पहुंचना पड़ा, इसका मतलब है कि बीच के अधिकारियों ने उसके परिवार की गुहार नहीं सुनी। इसके जवाब में धारीवाल ने कहा कि पीडि़ता ने 13 जुलाई से पहले कहीं भी शिकायत नहीं की, फिर कैसे इस मामले में मुकदमा दर्ज हो सकता है।
महिला का नाम लेने पर हंगामा, अध्यक्ष ने हटवाया
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ( Rajendra Rathore ) सरदारशहर की घटना को लेकर सरकार को घेर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बलात्कार पीडि़ता का नाम ले लिया। इसका निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा समेत अन्य विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। इससे हंगामे की स्थिति बन गई। अध्यक्ष सी.पी.जोशी ( CP Joshi ) ने विधानसभा कार्यवाही से पीडि़ता का नाम हटाने के निर्देश दिए।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ( Rajendra Rathore ) सरदारशहर की घटना को लेकर सरकार को घेर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बलात्कार पीडि़ता का नाम ले लिया। इसका निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा समेत अन्य विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। इससे हंगामे की स्थिति बन गई। अध्यक्ष सी.पी.जोशी ( CP Joshi ) ने विधानसभा कार्यवाही से पीडि़ता का नाम हटाने के निर्देश दिए।