एडीजी पालीवाल ने बताया कि पूछताछ में परिवार ने बताया कि पहले उनका मूल काम मदारी का था और जानवरों पर प्रतिबंध लगने के बाद वह बच्चों को जमूरा (करतब दिखाने) बनाकर खेल दिखाते हैं। कोटा रेलवे स्टेशन से बच्चे का अपहरण जमूरा बनाने के लिए किया था। मूलत: हरियाणा के भिवानी हाल किशनबाग झुग्गी झौपड़ी निवासी प्रेम सिंगीवाल (65) उसकी पत्नी लज्जो (55), बेटा अर्जुन (30), कर्ण (22) व मुख्य सरगना मुकेश मदारी (19) को गिरफ्तार किया।
किशनगढ़ से सुबह बाइक चोरी की, शाम को कोटा पहुंच बच्चे का अपहरण एडीजी पालीवाल बताया कि बच्चे का अपहरण करने वाला मास्टर माइंड मुकेश मदारी है। वह परिवार के साथ किशनगढ़ (अजमेर) में एक शादी समारोह में परिवार के साथ बर्तन साफ करने के लिए गया था। वहां से 5 मई की सुबह 11 बजे अपना मोबाइल मां लज्जो को देकर चमडा घर से एक बाइक चोरी कर भाई करण के साथ शाम तक कोटा पहुंच गया। कोटा रेलवे स्टेशन पर बच्चे के पिता उसे अकेले बैठाकर टिकट लेने चले गए। तभी आरोपी बच्चे को उठाकर ले गए।
ऐसे आए पकड़ में
जीआरपी कोटा के वृत्ताधिकारी चांदमल के नेतृत्व में 5 टीमें बनाई गई। बच्चे की तलाश में 280 किलोमीटर क्षेत्र में 470 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। तब जाकर अपहरणकर्ताओं का सुराग लगा और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी मुकेश बच्चे को पहले भोपाल में अपने ससुराल ले गया, लेकिन ससुराल वालों ने अपह्रत बच्चे को रखने से मना कर दिया, तब वह भोपाल से ट्रेन में जयपुर पहुंचा था।
जीआरपी कोटा के वृत्ताधिकारी चांदमल के नेतृत्व में 5 टीमें बनाई गई। बच्चे की तलाश में 280 किलोमीटर क्षेत्र में 470 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। तब जाकर अपहरणकर्ताओं का सुराग लगा और पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी मुकेश बच्चे को पहले भोपाल में अपने ससुराल ले गया, लेकिन ससुराल वालों ने अपह्रत बच्चे को रखने से मना कर दिया, तब वह भोपाल से ट्रेन में जयपुर पहुंचा था।
पहले वाले बच्चे का डीएनए करवाया जाएगा
एसपी जोशी ने बताया कि आरोपियों से दस वर्ष पहले अपह्रत बच्चे का उसके परिजन से डीएनए करवाया जाएगा। इसके बाद बच्चा उनके सुपुर्द किया जाएगा। वह बच्चा मंदबुद्धि है। आशंका है कि अपहरण करने के बाद बच्चे की दिमागी हालत कमजोर करने के लिए उसे दवाइयां दी गई है। यह भी आशंका है कि गैंग बच्चों से चोरी करवाने का काम करती है। पुलिस उनसे और पूछताछ कर रही है।
एसपी जोशी ने बताया कि आरोपियों से दस वर्ष पहले अपह्रत बच्चे का उसके परिजन से डीएनए करवाया जाएगा। इसके बाद बच्चा उनके सुपुर्द किया जाएगा। वह बच्चा मंदबुद्धि है। आशंका है कि अपहरण करने के बाद बच्चे की दिमागी हालत कमजोर करने के लिए उसे दवाइयां दी गई है। यह भी आशंका है कि गैंग बच्चों से चोरी करवाने का काम करती है। पुलिस उनसे और पूछताछ कर रही है।