जयपुर

इन महिला टीचर के जज्बे को सलाम, चलती ट्रेन में बचाई मासूम बच्ची की जिंदगी

ट्रेन में बैठी पांच शिक्षिकाओं की सूझबूझ ने दो दिन पहले चित्तौड़गढ़ के गंगरार कस्बे से अपह्रत बच्ची को बदमाशों के चंगुल से सकुशल मुक्त करा लिया। बदमाश तो फरार हो गए, लेकिन बच्ची अपने मां-बाप के पास पहुंच गई।

जयपुरMay 10, 2023 / 02:37 pm

Akshita Deora

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/जयपुर. ट्रेन में बैठी पांच शिक्षिकाओं की सूझबूझ ने दो दिन पहले चित्तौड़गढ़ के गंगरार कस्बे से अपह्रत बच्ची को बदमाशों के चंगुल से सकुशल मुक्त करा लिया। बदमाश तो फरार हो गए, लेकिन बच्ची अपने मां-बाप के पास पहुंच गई।

 

जयपुर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत पांच शिक्षिकाओं की जागरूकता से बच्ची पहले आरपीएफ के सुपुर्द की गई, फिर मां-बाप को सौंपी। शिक्षिका सुनीता शर्मा ने बताया कि 7 मई को भीलवाड़ा में एक कार्यक्रम था। उसमें शामिल होने के लिए सुबह जयपुर से ट्रेन से वह साथी शिक्षिका भावना सक्सेना, नवीता, प्रमिला वर्मा और रंजू सिरोलिया के साथ भीलवाड़ा गई थी। उसी दिन शाम को लौटते वक्त उनकी सीट स्लीपर कोच में थी। भीलवाड़ा से ट्रेन रवाना होने के कुछ देर बाद उनके पास वाली सीट पर एक बच्ची आकर बैठ गई। वो अकेली थी और डरी-सहमी हुई थी।

यह भी पढ़ें

राजस्थान से नेवी में पहली महिला तकनीकी अधिकारी बनी 20 वर्ष की रक्षिता राठौड़ बताया सक्सेस मंत्र

दो युवक बताते रहे जानकर
ट्रेन में उसी कोच में बैठे दो युवक खुद को बच्ची का जानकार बता रहे थे। अनजान लोगों से बात करवाकर बच्ची के परिजन होने का दावा भी कर रहे थे लेकिन वे संदिग्ध लग रहे थे। इसलिए चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचना दी और बच्ची आरपीएफ को सौंपी।

 

परिजन बोले-पता नहीं बच्ची का क्या होता
शिक्षिका शर्मा ने बताया कि आरपीएफ को बच्ची सुपुर्द करने के बाद भी उसकी अपडेट लेेते रहे। जब परिजन ने उनसे बात की तो वे भावुक हो गए। बताया कि बच्ची को बदमाश गंगरार से उठा लाए। वो घर के बाहर खेल रही थी। आप नहीं होतीं तो, पता नहीं उसके साथ क्या होता।

यह भी पढ़ें

गर्मियों की छुट्टियों से पहले स्कूलों के बच्चों के लिए आई खुशखबरी

शिक्षिका ने बताया कि डेढ़ घंटे तक बच्ची अकेली बैठी रही। उसे मम्मी पापा को बुलाने के लिए भेजा। वह गेट पर जाकर खड़ी हो गई। उससे प्यार दुलार से पूछा। उसने रोते हुए कहा कि उसे घर के बाहर खेलते वक्त दो जने ले आए। पता नहीं वो कहां लेकर जाएंगे। सुनते ही शिक्षिकाओं ने चाइल्ड हेल्प लाइन व आरपीएफ को सूचना दी। रात करीब 10.30 बजे जयपुर जंक्शन पर आरपीएफ थाने में शिकायत दी। आरपीएफ ने बच्ची के परिजन से संपर्क किया। अगले दिन 8 मई को बच्ची को माता-पिता के सुपुर्द किया।

Hindi News / Jaipur / इन महिला टीचर के जज्बे को सलाम, चलती ट्रेन में बचाई मासूम बच्ची की जिंदगी

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.