राजस्थान के वर्ष 2023—24 के बजट पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की, इसमें जयपुर जिले को चार और जयपुर शहर को दो भांगों में बांट दिया है। गौरतलब है कि सेवानिवृत आईएएस अधिकारी रामलुभाया की कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए सरकार ने यह निर्णय किया है। हालांकि रामलुभाया की कमेटी को सरकार ने हाल ही में छह माह का एक्सटेंशन दे रखा है।
आजादी के बाद पहला बदलाव
गौरतलब है कि आजादी के बाद वर्ष 1949 से जयपुर राजस्थान की राजधानी है। प्रदेश में जिलों की संख्या कई बार बढ़ी, लेकिन जयपुर का विभाजन नहीं किया गया। हालांकि जयपुर जिले में से कई इलाकों को अलग कर नए जिले बनाने की मांग हमेशा उठती रही थी। वर्तमान बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर शहर को उत्तर और दक्षिणी भाग में विभाजित कर नए जिले बनाने की घोषणा की है। वहीं जिले के दूदू और कोटपूतली को भी जयपुर से अलग कर नए जिले घोषित किया गया है।
गौरतलब है कि आजादी के बाद वर्ष 1949 से जयपुर राजस्थान की राजधानी है। प्रदेश में जिलों की संख्या कई बार बढ़ी, लेकिन जयपुर का विभाजन नहीं किया गया। हालांकि जयपुर जिले में से कई इलाकों को अलग कर नए जिले बनाने की मांग हमेशा उठती रही थी। वर्तमान बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर शहर को उत्तर और दक्षिणी भाग में विभाजित कर नए जिले बनाने की घोषणा की है। वहीं जिले के दूदू और कोटपूतली को भी जयपुर से अलग कर नए जिले घोषित किया गया है।
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गौरतलब है कि पहले प्रदेश में 7 संभाग थे, अब बढ़कर दस हो गए है। इसमें पाली, सीकर और बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया गया है।
गौरतलब है कि पहले प्रदेश में 7 संभाग थे, अब बढ़कर दस हो गए है। इसमें पाली, सीकर और बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया गया है।