सूर्य उपासना के इस पर्व में आज शाम को अस्त होते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है। समाजबंधु बांस की टोकरी और सूप में प्रसाद स्वरूप ठेकुआ, गन्ना, गागर (बड़ा नीबू), नाशपाती, सेव, केला, हल्दी, अदरक, मूली, नारियल, केराव, पान, सुपारी और मिठाई रखकर सूर्य भगवान को पहला अघ्र्य अर्पित करेंगे। इसके बाद जगह—जगह रात्रि जागरण के कार्यक्रम होंगे, इस बीच छठ मैया के गीत गूंजेंगे। महोत्सव के चौथे दिन कल कार्तिक शुक्ल सप्तमी को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाएगा।
गलता तीर्थ में भरेगा मेला
गलता तीर्थ में महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में गंगा महाआरती होगी, तीर्थ में समाजजनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। कोविड के दो साल बाद गलता तीर्थ में लोगों की भीड़ देखने को मिलेगी। युवाचार्य स्वामी राघवेंद्र ने बताया कि व्रत करने वाले लोग अपने परिवारजनों के साथ गलता जी पहुंचेंगे और गलता कुंड में खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। अगले दिन 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही व्रत का पारायण होगा। उन्होंने बताया कि गलता तीर्थ में डाला छठ को लेकर विशेष व्यवस्थाएं की गई है। साफ—सफाई के साथ सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहेंगे।
पांच प्रदेश के लोग देंगे सूर्य को अर्घ्य
प्रवासी प्रकोष्ठ बिहार विंग के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि दो साल के बाद 5 प्रदेश के प्रवासियों की ओर से छठ महापर्व मनाया जा रहा है। बिहार, यूपी, झारखंड, उत्तराखंउ व बंगाल निवासी समाजबंधु अस्त होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। सीकर रोड पर सरदारपुरा स्थित चौधरी फार्म हाउस पर बड़ा आयोजन होगा। बिहार से एक दर्जन जानेमाने कलाकार आ रहे है, जो अपनी प्रस्तुति देंगे।
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यहां भी होगा आयोजन
बिहार समाज संगठन का मुख्य आयोजन हसनपुरा रोड एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी में होगा। संगठन के महासचिव सुरेश पंडित ने बताया कि हसनपुरा एनबीसी में कुंड तैयार करवाया गया। इसमें सुबह टैंकरों से पानी भरवाया गया है। चार भाषा के संगीतकार, गीतकार व भजन मंडली की ओर से पूरी रात भजनों का गंगा बहेगी। हसनपुरा के अलावा सीतापुरा, बनीपार्क समेत अन्य जगहों पर व्रती आज डूबते हुए सूर्य को पहला अघ्र्य देंगे। रात्रि जगरण करते हुए 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को दूसरा अघ्र्य अर्पित करने के साथ डाला छठ पर्व का समापन होगा।