लोक आस्था का महापर्व छठ आज संपन्न हो गया। चार दिवसीय महापर्व के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त हुआ।
2/6
गलताजी सहित कई घाटों पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों की ओर से इंतजाम किए गए।
3/6
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन आज सप्तमी पर जयपुर में रौनक देखने लायक रही। बिहार व पूर्वांचल के प्रवासियों ने सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भावी जीवन की सुख-समृद्धि के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना की।
4/6
मंगलवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ महोत्सव का आज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण (भोजन) के साथ समापन हो गया।
5/6
सूर्योदय से पहले ही व्रतियों ने जलाशयों में प्रवेश किया और डुबकी लगाने लगी शुरू कर दी थी। सुबह गलता, मावठा, जयसिंहपुरा खोर, दुर्गा विस्तार कॉलोनी समेत कई जगहों पर व्रती नजर आए।
6/6
सूर्य उदय हाेने से पूर्व घुटने तक पानी में खड़े होकर व्रतधारियों ने सूप, बांस की डलिया में मौसमी फल, गन्ना सहित पूजन सामग्री और गाय के दूध से भगवान सूर्य को अर्घ्य देना शुरू कर दिया। व्रतियों ने छठी मैया के गीतों से बिहार की संस्कृति को साकार किया।