7 को देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि परिवार की सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए कार्तिक शुक्ल षष्ठी गुरुवार 7 नवंबर को उत्तर भारतीय व पूर्वांचल समाज के लोग डाला छठ का निर्जल व्रत रखकर अस्ताचलगामी सूर्यदेव की आराधना करेंगे। पांच नवंबर को नहाय-खाय से शुरू हो रहे चार दिवसीय डाला छठ महापर्व के पहले दिन मंगलवार को व्रतियों के भोजन में अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी की प्रधानता रहेगी। दूसरे दिन 6 नवंबर को व्रत रखने वाले महिलाएं और पुरुष दिन भर उपवास करने के बाद शाम को घर में ही भगवान सूर्य को गुड़ की खीर, गेहूं की रोटी और केला का नैवेद्य अर्पित करेंगे। भगवान सूर्य को चढ़ाए गए नैवेद्य को प्रसाद रूप में ग्रहण करने के साथ ही उनका करीब छत्तीस घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। गुरुवार को व्रती शाम के समय बांस की डलिया में ढेकुवा, गन्ना, मिठाइयां, फल, वस्त्र आदि से सजा कर परिवार के साथ घाट पर पहुंचेंगे। यहां पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। अगले दिन सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर कर व्रत का पारणा करेंगे।
तैयारियां अंतिम चरण में
बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित ने बताया कि डाला छठ महापर्व की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है। पूजा स्थलों पर साफ- सफाई करने के साथ जलाशय तैयार किए जा रहे है। प्रदेशभर में बिहार के करीब 30 लाख लोग प्रवासरत है। जयपुर में बिहार के प्रवासियों की बड़ी आबादी निवास करती है, जो हर साल यहीं पर रह कर छठ महापर्व मनाते हैं।
यहां होंगे आयोजन
संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री चंदन कुमार ने बताया कि इस बार राजधानी जयपुर में गलता तीर्थ, आमेर मावठा, दुर्गा विस्तार कॉलोनी एनबीसी के पीछे, किशन बाग शास्त्री नगर, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, मालवीय नगर ,मुरलीपुरा, गणेश वाटिका, ,निवारू रोड, कटेवा नगर, रॉयल सिटी माचवा, विश्वकर्मा, झोटवाडा, जवाहर नगर, आदर्श नगर, सिरसी रोड समेत कई क्षेत्रों में डाला छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।