जयपुर

अब टूट रही उम्मीदें: चेतना की मां की पुकार, “अगर कलक्टर की बेटी होती तो उसे वहीं रहने देते?”

Borewell Tragedy: 9 दिनों का संघर्ष: राज्य का सबसे बड़ा बचाव अभियान। प्रशासन की कोशिशें नाकाम, परिजनों का धैर्य टूट रहा। बचाव टीमों का दिन-रात संघर्ष, चेतना की सलामती की उम्मीद।

जयपुरDec 31, 2024 / 02:07 pm

rajesh dixit

Chetna Borewell Rescue Operation Kotputli

जयपुर। कोटपूतली में बोरवेल में फंसी चेतना को आज 9 दिन हो चुके हैं। तीन साल की मासूम को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। प्रशासन की ओर से अब तक किए गए सभी प्रयास फेल हो चुके हैं। अब रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है। ऐसे में उम्मीद है कि 700 फीट गहरे बोरवेल में से आज बाहर निकाला जा सकता है।
चेतना के माता-पिता बोरवेल के पास अपनी बेटी के बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं। परिजन आंसू बहा रहे हैं। अब उनकी उम्मीदें टूट गई हैं। रेस्क्यू टीमें चेतना को निकालने के लिए 9 दिन से दिन-रात काम कर रही है। चेतना को निकालने के लिए यह अभियान राज्य में सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक बताया जा रहा है।
इधर, चेतना के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। 24 दिसंबर की शाम से बच्ची का कोई मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है।

समानांतर सुरंग खोदने में जुटी टीमें

कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि चट्टान की तरह ठोस परत है। बारिश ने भी चुनौती पैदा की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें समानांतर सुरंग खोदने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बच्ची तक पहुंचने के लिए लगभग 6.5 फीट की और खुदाई बाकी है।
बच्ची की मां धोली देवी ने कहा कि कई दिनों से मेरी बेटी बोरवेल में फंसी हुई है। उसे अब तक बाहर नहीं निकाला गया है। अगर वह कलक्टर की बच्ची होती तो क्या वह इतने दिनों तक उसे वहां रहने देतीं। मेरी बेटी को जल्द से जल्द बाहर निकालें।
बता दें कि कोटपूतली के सारुंद थाना क्षेत्र में साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना 23 दिसंबर को बोरवेल में गिर गई थी। यह बोरवेल घर के अंदर कुछ दिन पहले ही खुदवाया गया था। बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए शुरुआत में रिंग की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। अब समानांतर गड्ढा खोदकर सुरंग के जरिये बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

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