जयपुर

भीषण गर्मी में ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए होगा बदलाव

अक्षयतृतीया का पर्व आज, भगवान परशुराम के संदेशों को जन—जन तक पहुंचाने के लिए विप्र संगठन आए आगे

जयपुरApr 22, 2023 / 01:59 pm

Lotika Thakur

जयपुर. अक्षयतृतीया का पर्व शनिवार को अलग—अलग धर्म संपद्रायों के लिए कई मायनों में खास होगा। ज्योतिषविदों के मुताबिक त्रेता युग की शुरूआत इसी दिन हुई थी। भगवान की सेवा पूजा और खानपान में बदलाव होगा। ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन का लेप होगा। गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन का लेप किया जाएगा। सत्तू, ठंडाई, आम, तरबूज सहित अन्य व्यंजन का भोग लगेगा। केसरिया सूती कपड़े की धोती-दुपट्टा धारण कराया जाएगा। गर्भगृह को ठंडा रखने के लिए कूलर लगाया जाएगा तथा शीतल जल का फव्वारा चलेगा। मिट्टी का मटका रखा जाएगा। ठंडी तासीर वाले भोज्य पदार्थों का भोग लगेगा। आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर के पुजारी मातृप्रसाद शर्मा ने बताया कि ठाकुर जी के चंदन का लेप कर विशेष झांकी सजाई जाएगी। ठाकुर जी का जलविहार की झांकी का भी आयोजन जेष्ठ माह में किया जाएगा।

इसलिए है खास पर्व
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था। मान्यता है कि देवी देवता अपनी साधना और शक्ति को बढ़ाने के लिए सालभर इस दिन का इंतजार करते हैं। शर्मा ने बताया कि बैसाख शुक्ल तृतीया जिस दिन प्रदोष को स्पर्श करे उसी दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है। इस बार तृतीया शनिवार को ही प्रदोष व्यापिनी होने से यह पर्व मनाना शास्त्र संवत है। ज्योतिषाचार्य पं.मुकेश कौशिक ने बताया कि इस दिन स्नान, दान, जप, होम, पितृश्राद्ध, तर्पण आदि सभी का फल अक्षय अर्थात अनंत प्राप्त होता है। पुण्यकाल सुबह से शाम तक रहेगा। इस दिन खरीदी गई चीज में हमेशा बढ़ोत्तरी होती है, सोने की खरीददारी शुभ मानी गई है। लेकिन इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व है। जरूरतमंदों के दानकर्म के पुण्य का कभी क्षय नहीं होगा।
समाज की एकजुटता पर देंगे जोर
भगवान विष्णु के छठें अवतार और चिंरजीवी भगवान परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर शनिवार को राजधानी में ब्राह्मण संगठनों की ओर से 10 से अधिक जगहों पर कार्यक्रम होंगे। दीपदान, पूजा अर्चना, अभिषेक होगा। समाज की एकजुटता, असहाय तबके की मदद का बीड़ा भी समाज की ओर से उठाने का संकल्प लिया जाएगा। जयंती उत्सव एक दिन का नहीं होकर साप्ताहिक आयोजित किया जा रहा है। इस कड़ी में शुक्रवार शाम को रेलवे स्टेशन स्थित भगवान परशुराम सर्किल पर नन्हे-मुन्ने बच्चों ने दीप प्रज्जलन किया। भांकरोटा स्थित वेद माता गायत्री मन्दिर में धर्म प्रचारक पं. विजय शंकर पाण्डेय के सान्निध्य में विश्वजन कल्याणार्थ शिव शक्ति आराधना कर परशुराम का पूजन किया।
—विप्र महासभा और परशुराम सेना की ओर से आज सुबह दस बजे महाराणा प्रताप सभागार में भगवान परशुराम की पूजा होगी। महासभा अध्यक्ष सुनील उदेईया ने बताया कि आसुरी शक्तियों का विनाश करने वाले भगवान परशुराम ने साधु- संतों और महात्माओं की सदैव रक्षा की तथा धर्म को स्थापित किया।
सर्व ब्राह्मण महासभा की ओर से सुबह 10.30 बजे मानसरोवर मेट्रोस्टेशन पिलर नंबर एक के सामने शिवमंदिर में मकराना के पत्थर से निर्मित दो फीट की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अध्यक्ष पं.सुरेश मिश्रा ने बताया कि बीते 15 साल से शहर में अलग—अलग जगहों पर प्रतिमा लगाई जा रही है।

शहर भ्रमण पर निकलेंगे रविवार को भगवान परशुराम

जयपुर. परशुराम जयंती के कार्यक्रमों की श्रृंखला में रविवार को जगह—जगह परशुराम भगवान शोभायात्रा में शहरवासियों को दर्शन देंगे। इस कड़ी में अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की ओर से शनिवार सुबह दस बजे मानसरोवर स्थित एक होटल में संगोष्ठी होगी। समस्त ब्राह्मण समाज, जयपुर की ओर से विद्याधर नगर के भगवान परशुराम सर्किल से रविवार शाम छह बजे छठीं ध्वज शोभायात्रा नारी और युवा शक्ति को समर्पित होगी। भगवान परशुराम मुख्य रथ पर आशीर्वाद देते हुए नजर आएंगे। इससे पहले विद्याधरनगर स्थित भगवान परशुराम सर्किल पर शुक्रवार सुबह युवाओं ने साफ-सफाई की। जलाभिषेक कर दुग्धाभिषेक हुआ। आज दीपदान होगा। रविवार को मुरलीपुरा के रामेश्वरधाम स्थित गौड़ विप्र भवन में सुबह नौ बजे से नौ कुंडीय महायज्ञ होगा।

— सांगानेर में रविवार शाम 04:30 बजे बजे से सांगासेतु पुलिया से सीताराम जी मंदिर से शोभायात्रा रवाना होकर पुरान बस स्टैंड पहुंचेगी। इस दौरान लवाजमे के साथ ही व्यायाम शाला के लोग करतब दिखाएंगे। अमर शहीद मंगल पांडे के प्रपौत्र रघुनाथ पांडे मुख्य अतिथि होंगे।

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