दरअसल मीना मूल रूप से जोधपुर की रहने वाली है। वे भोपालगढ़ के हिंगोली कस्बे में रहती हैं। कुछ समय पहले आयरलैंड देश में रहने वाली अपनी एक सहेली से बात करने के दौरान उन्होनें कहा कि वे अपनी बेटियों के लिए कुछ करना चाहती हैं। ऐसे में सहेली ने चांद पर जमीन खरीदने की बात कही। मीना ने इस बारे में गंभीरता से सोचा, अपने पति से बात की और उसके बाद चांद पर एक एकड जमीन खरीद ली।
यह भी पढ़ें: तीसरी क्लास की बच्ची ने चार दिन तक लगातार गीत याद किया पंद्रह अगस्त पर सुनाने के लिए, लेकिन स्कूल के बाहर ही दम टूट गया मासूम का बताया जाता है कि लूना सोसायटी जो कि एक इंटरनेशल फर्म है, वह चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है। हांलाकि यह भी कहा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के तहत यह सब मान्य नहीं है। लेकिन उसके बाद भी बड़े लोग लगातार चांद पर जमीन ले रहे हैं। चांद पर जमीन बेचने का काम दो सोसायटी कर रही हैं। इनके दफ्तर कहां है इस बारे में भी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है। मीना ने इसके लिए कितने रूपए दिए इसका भी खुलासा नहीं हो सका है। मीना का कहना है कि एक दिन चांद पर जरूर बस्ती होगी और इस बस्ती में उनके बेटियों के लिए जमीन पहले ही सुरक्षित होगी।